
मेरठ। व्यापारी के खाते की केवाइसी करने के नाम पर रिजर्व बैंक का अधिकारी बन साइबर ठगों ने बातचीत की। व्यापारी को वाटसएप पर लिंक भेजा। उसने जैसे ही लिंक पर क्लिक किया। खाते से दो बार में 1.04 लाख रुपये निकल गए। गनीमत रही, व्यापारी ने पहले ट्रांजेक्शन होते ही खाते से 1.90 लाख रुपये दूसरे खाते में ट्रांसफर कर दिए। साइबर थाने पर व्यापारी ने रिपोर्ट दर्ज कराई है।
गंगानगर निवासी सूरज धामा ने बताया कि उसकी धामा ट्रेडर्स के नाम से फर्म है। 25 फरवरी 25 को उसके मोबाइल पर काल आई। कालर ने बताया कि वह रिजर्व बैंक से बोल रहा है। उनके फर्म के खाते की केवाइसी करनी है। वाट्सएप पर लिंक भेजा गया है।
सूरज ने वाटसएप पर आए लिंक को जैसे ही क्लिक किया, रिजर्व बैंक एपीके नाम से एप इंसाल हो गया। इसके बाद फोन कट गया। कुछ देर बाद सूरज के खाते से 95 हजार रुपये निकलने का मैसेज आया। इसे देखते ही सूरज समझ गया कि वह साइबर ठगों के जाल में फंस गया है।
उसने तत्काल अपने खाते से 1.90 लाख रुपये अपनी जानकार कंपनी में ट्रांसफर कर दिए। इसी दौरान सूरज के खाते से नौ हजार रुपये और निकल गए। सूरज ने बताया कि साइबर ठगों ने उसके खाते से 1.04 लाख रुपये निकाल लिए। बैंक जाकर उसने खाते की डिटेल ली। इसके बाद थाना साइबर क्राइम पर ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराने को तहरीर दी। साइबर