
•भ्रष्टाचार पर लाइनमैन से लेकर यूपीपीसीएल के एमडी और चेयरमैन तक के खिलाफ होगी कार्रवाई- ऊर्जा मंत्री
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने शुक्रवार को विधानसभा के बजट सत्र में नियम 56 के तहत विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में बिजली आपूर्ति का स्तर देश में सबसे अधिक है और यह महाराष्ट्र से भी आगे निकल चुका है। उन्होंने विपक्ष के इस दावे को खारिज किया कि उत्तर प्रदेश में नागालैंड से भी कम बिजली आपूर्ति हो रही है।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 30,618 मेगावॉट विद्युत आपूर्ति की जा रही है, जबकि सपा सरकार के दौरान यह मात्र 12-14 हजार मेगावॉट थी। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में डिजिटल महाकुंभ के सफल आयोजन और स्मार्ट मीटर लगाने की क्रांति से विपक्षी दल चौंक गए हैं।ऊर्जा मंत्री ने बिलिंग एजेंसियों और विद्युत कार्मिकों की मनमानी के आरोपों पर कहा कि यदि किसी कर्मचारी की गड़बड़ी की शिकायत आती है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है। अब तक 3394 संविदा कर्मियों और 85 कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा चुकी है, जबकि 28 कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है।
उन्होंने साफ किया कि यदि किसी स्तर पर भ्रष्टाचार पाया गया, तो लाइनमैन से लेकर यूपीपीसीएल के एमडी और चेयरमैन तक के खिलाफ कार्रवाई होगी।प्रदेश में आरडीएसएस योजना के तहत 16,000 करोड़ रुपये और बिजनेस प्लान के तहत तीन वित्तीय वर्षों में 5-5 हजार करोड़ रुपये से अधिक के कार्य कराए गए हैं। इस दौरान जर्जर तार, विद्युत पोल और बांस-बल्ली से चलने वाली लाइनों को हटाकर व्यवस्थित किया गया, साथ ही ओवरलोड ट्रांसफार्मरों और फीडरों की क्षमता में वृद्धि की गई है।ऊर्जा मंत्री ने बताया कि सपा सरकार के कार्यकाल में डेढ़ लाख मजरों का विद्युतीकरण नहीं किया गया था, जिसमें से 1.21 लाख मजरों का विद्युतीकरण अब पूरा किया जा चुका है। शेष 20 हजार से अधिक मजरों का विद्युतीकरण प्रक्रिया में है।
प्रदेश के 3.55 करोड़ उपभोक्ताओं में से केवल 1 प्रतिशत बिलों में गड़बड़ी पाई जा रही है, जिसे ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है।उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रदेश के किसानों को बिजली कनेक्शन लेने में कोई कठिनाई नहीं हो रही और आज़ादी के बाद से अब तक सबसे अधिक विद्युत कनेक्शन किसानों को दिए गए हैं। इसके अलावा, योगी सरकार ने किसानों के निजी नलकूपों के बिजली बिल माफ करने का भी निर्णय लिया है।ऊर्जा मंत्री ने सदन को आश्वस्त किया कि प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है और भ्रष्टाचार या मनमानी करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।