
•ऐसे करें असली व मिलावटी की पहचान।
बस्ती। आज कल त्योहारों के सीजन चल रहा है। बाजार में मिलावटी पनीर,खोआ धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग छापेमारी करके पनीर ,खोवा जब्त कर रहा है। लेकिन पनीर और खोआ में भी कच्चा-पक्का का खेल बंद नहीं हो रहा है।
वनस्पति, तेल और दूध पाउडर से बनने वाला मिलावटी खोआ असली की तुलना में 80 से 100 रुपये किलो सस्ता भी बिक रहा है। होली पर खोआ की खपत कई गुना बढ़ जाती है। ऐसे में मिलावटखोर सक्रिय हो जाते हैं। बाजार में पक्का यानी असली खोआ 300 से 340 रुपये किलो बिक रहा है। जबकि, कच्चा यानी मिलावटी खोआ की कीमत 220 से 240 रुपये किलो है। व्यापारियों ने बताया कि एक किलो खोआ बनाने में लगभग पांच लीटर दूध की जरूरत पड़ती है। लगभग 55 रुपये लीटर दूध बिक रहा है। ऐसे में पांच लीटर दूध की कीमत ही 275 रुपये पड़ती है। ऐसे में ढाई सौ रुपये से कम में असली खोआ मिलना असंभव है।
ऐसे में मिलावटी खोआ दूध पाउडर, तेल और वनस्पति मिलाकर बनाया जाता है। इसमें केमिकल भी डाला जाता है, जिससे 15 दिन तक खट्टापन नहीं आता है। वास्तविक खोए में पांच दिन में ही खट्टापन आ जाता है। बताया गया कि बस्ती में आगरा,कानपुर से आने वाला खोआ 240, शिवपुरी का 250 रुपये किलो बिक रहा है। वहीं, दूध में सूजी मिलाकर बड़ी तादाद में बनाया गया मिल्क केक भी बाहर से आ रहा है। इसे वॉयलर मशीन में गर्म करके तैयार किया जाता है। इसकी लागत 100 से 125 रुपये आती है। इसे बाजार में 350 रुपये किलो बेचा जा रहा है।
इसके अलावा सोयाबीन और क्रीम निकला दूध मिलाकर मिलावटी पनीर बनाया जा रहा है। सोयाबीन की मिलावट से बनने वाला पनीर मुलायम रहता है। इसमें भी खट्टापन कई दिनों तक न हो इसलिए केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। असली पनीर की कीमत 300 से 340 रुपये है। जबकि, मिलावटी पनीर 200 से 220 रुपये किलो बिक रहा है। जबकि, इसे बनाने में लगभग 160 से 170 रुपये लागत आती है।
लिवर से लेकर किडनी डैमेज होने का खतरा

जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. रामजी सोनी ने बताया कि केमिकल युक्त खोआ, पनीर समेत अन्य खाद्य पदार्थों का सेवन करने से लिवर के साथ-साथ किडनी भी डैमेज होने का खतरा रहता है। लगातार केमिकल मिले खाद्य पदार्थ खाने से धीरे-धीरे लिवर की कोशिकाएं डैमेज होती रहती हैं। किडनी द्वारा शरीर के खून को छानने की प्रक्रिया भी लगातार बाधित होती रहती है।
जिला अभिहित अधिकारी धर्मराज मिश्रा ने बताया कि ऐसे करें असली व मिलावटी की पहचान
■ मेडिकल स्टोर से टिंचर आयोडीन की कुछ बूंदें डालने पर मिलावटी पनीर काला पड़ जाता है। जबकि, असली पनीर काला नहीं पड़ता है।
■ जानकारों ने बताया कि हाथ में रखकर मलने पर मिलावटी खोआ चिकनाहट छोड़ने लगता है। जबकि, ऐसा करने पर असली खोआ चिकनाहट नहीं छोड़ता है।
■ असली और मिलावटी खोआ की पहचान भी आसानी से की जा सकती है। बताया गया कि कढ़ाई में भूजने पर मिलावटी पनीर पानी जैसा हो जाएगा। जबकि, असली पनीर भूजने पर लालपन आ जाएगा।