
लखनऊ। वाराणसी जिला जेल में तैनात डिप्टी जेलर मीना कन्नौजिया द्वारा लगाए गए प्रताड़ना के आरोपों के बाद इस मामले में प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। डीजी जेल पीवी रामशास्त्री ने वाराणसी जिला जेल के जेल अधीक्षक उमेश सिंह को विशेष ड्यूटी पर सोनभद्र जिला जेल भेज दिया है। इस दौरान उन्हें वेतन और भत्ता नहीं मिलेगा।

इसके साथ ही, सोनभद्र जिला जेल के जेल अधीक्षक सौरभ श्रीवास्तव को वाराणसी जिला जेल में विशेष ड्यूटी पर भेजा गया है। उन्हें भी इस दौरान कोई वेतन या भत्ता नहीं मिलेगा। यह नियुक्ति पूरी तरह अस्थायी है और अगले आदेश तक प्रभावी रहेगी।
जानिए क्या है पूरा मामला?
डिप्टी जेलर मीना कन्नौजिया ने 16 मार्च को जेल अधीक्षक उमेश सिंह पर प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर अपनी आपबीती साझा की थी, जबकि उनकी बेटी ने मुख्यमंत्री को लिखित शिकायत भेजी थी। इस प्रकरण के बाद मीना कन्नौजिया का तबादला नैनी जेल कर दिया गया था, जिससे यह मामला और गरमा गया।
वहीं वाराणसी की जिला जेल में तैनात महिला ‘डिप्टी जेलर’ मीना कनौजिया के कथित उत्पीड़न मामले की जांच के लिए शासन ने एक जांच समिति गठित की है। पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी-जेल) राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि वाराणसी जिला जेल की ‘डिप्टी जेलर’ के कथित उत्पीड़न की जांच के लिए प्रयागराज की जिला जेल की वरिष्ठ जेल अधीक्षक अमिता दुबे की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की गई है।
राजनीतिक हलकों में भी उठी आवाज: इस मामले पर कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों ने प्रतिक्रिया दी थी, वहीं पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने भी मामले की गहन जांच की मांग की थी। बढ़ते विवाद को देखते हुए डीजी जेल ने त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रशासनिक फेरबदल किया है। फिलहाल, जेल प्रशासन में इस बदलाव को लेकर चर्चाएं जारी हैं, और इस प्रकरण पर आगे की जांच व कार्रवाई का इंतजार किया जा रहा है।
वहीं जिला कारागार के अधीक्षक डॉ. उमेश सिंह के खिलाफ मुखर हुईं डिप्टी जेलर मीना कन्नौजिया ने मंगलवार को अपने आवास पर मीडिया से बातचीत की। उन्होंने अपने साथ परिजनों की जान को भी खतरा बताया। कहा कि अधीक्षक ने उनको प्रताड़ित करना तब से शुरू किया, जब उन्होंने पूर्व डिप्टी जेलर रत्नप्रिया के पक्ष में बयान दिया। डिप्टी जेलर और जेल अधीक्षक का आवास महज 100 मीटर दूरी पर है।