
इंफाल। मणिपुर में दो साल पहले शुरू हुई जातीय हिंसा की बरसी पर राज्यभर में आज बंद (शटडाउन) का व्यापक असर देखा जा रहा है। हिंसा की दूसरी वर्षगांठ पर मैतेई और कुकि समुदायों से जुड़े संगठनों ने अलग-अलग क्षेत्रों में बंद का आह्वान किया, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ।
इंफाल घाटी में मैतेई समुदाय के संगठन को-ऑर्डिनेटिंग कमिटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी (COCOMI) ने शटडाउन का ऐलान किया है। दूसरी ओर, कुकि समुदाय के संगठन ज़ोमी स्टूडेंट्स फेडरेशन और कुकि स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन ने पहाड़ी इलाकों में बंद रखा है। इस दौरान बाजार, निजी कार्यालय, स्कूल-कॉलेज और सार्वजनिक परिवहन सेवाएं पूरी तरह से बंद हैं। केवल कुछ निजी वाहन ही सड़कों पर नजर आ रहे हैं।।
संवेदनशील हालात को देखते हुए राज्यभर में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है।
इंफाल में (COCOMI) ने ‘मणिपुर पीपल्स कन्वेंशन’ आयोजित किया, जबकि शाम को हिंसा पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए मोमबत्ती मार्च भी निकाला जाएगा।
वहीं, कुकि बहुल इलाकों चुराचांदपुर और कांगपोकपी में ‘डे ऑफ सेपरेशन’ मनाया गया। यहां कुकियों ने अलग प्रशासनिक क्षेत्र की मांग को दोहराया। चुराचांदपुर में ‘वॉल ऑफ रिमेम्ब्रेंस’ पर और सेहकेन बुरियल साइट पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए गए।
मई 2023 में मैतेई और कुकि समुदायों के बीच भड़की हिंसा में अब तक 260 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और करीब 70,000 से अधिक लोग बेघर हो चुके हैं। दो साल बाद भी तनाव कम नहीं हुआ है, बल्कि जातीय विभाजन और अधिक गहराता जा रहा है।