
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक इस गुप्त और निर्णायक सैन्य कार्रवाई को भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के संयुक्त प्रयासों से 6-7 मई की रात अंजाम दिया गया। ऑपरेशन की निगरानी स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की, जो पूरी रात जागकर इस कार्रवाई पर नजर बनाए रहे।
केंद्रित और संतुलित जवाब
सरकार के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई पूरी तरह केंद्रित, सटीक और गैर-उत्तेजक रही। किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया, जिससे स्पष्ट है कि भारत का उद्देश्य केवल आतंकवाद पर प्रहार करना था, न कि युद्ध भड़काना। यह कार्रवाई उस समय की गई जब पाकिस्तान नींद में था और आतंकी शिविर पूरी तरह सक्रिय थे।
पहलगाम हमले का बदला
22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में आतंकियों ने धर्म पूछकर टूरिस्टों को गोली मारी थी, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान गई थी। हमले के दौरान महिलाओं को छोड़ते हुए आतंकियों ने कहा था, “जाओ, मोदी से कह देना।” इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।
पीएम मोदी ने किया था वादा
हमले के दो दिन बाद 24 अप्रैल को बिहार के मधुबनी में एक सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि “आतंकियों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी।” अब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए वह वादा निभाया गया है। बताया जा रहा है कि पीओके और पाकिस्तान में स्थित आतंकियों के कई ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा है।
शहीदों को श्रद्धांजलि और परिवारों से समर्थन
इस कार्रवाई के बाद पूरे देश में सेना की तारीफ हो रही है। पहलगाम हमले में शहीद हुए नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की मां आशा नरवाल ने कहा, “मेरा पूरा परिवार मोदी जी के साथ है। आज हमारी आंखों में आंसू नहीं, गर्व है। सेना ने हर शहीद को सच्ची श्रद्धांजलि दी है।”
नया संदेश, नई रणनीति
‘ऑपरेशन सिंदूर’ न केवल एक जवाबी हमला है, बल्कि यह भारत की बदलती रणनीति और निर्णायक इच्छाशक्ति का भी प्रतीक है। यह ऑपरेशन आतंकियों को साफ संदेश देता है कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा। देश अब “बातचीत नहीं, कार्रवाई” की नीति पर आगे बढ़ रहा है।
यह है पाकिस्तान की उन 9 जगहों के नाम जहाँ आज भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत अटैक किया है
1) अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित बहावलपुर, जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय था।
2) सांबा के सामने सीमा से 30 किलोमीटर दूर मुरीदके। लश्कर का शिविर। 26/11 मुंबई हमलों के आतंकवादी।
3) गुलपुर, एलओसी पुंछ-राजौरी से 35 किलोमीटर दूर।- 20 अप्रैल 2023 को पुंछ में हुए हमलों और 24 जून को बस में यात्रा कर रहे निर्दोष तीर्थयात्रियों पर हमले की जड़ें इन्हीं आतंकवादियों द्वारा संचालित की गई थीं।
4) लश्कर का शिविर सवाई। पीओजेके तंगधार सेक्टर के अंदर 30 किलोमीटर दूर। निम्नलिखित आतंकी हमलों की जड़ें: 20 अक्टूबर 2024 को सोनमर्ग, 24 अक्टूबर 2024 को गुलमर्ग और 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम हमला।
5) बिलाल कैंप, जैश-ए-मोहम्मद का लॉन्चपैड।
6) राजौरी के सामने नियंत्रण रेखा से 15 किलोमीटर दूर लश्कर कोटली कैंप। लश्कर बमवर्षक कैंप। लगभग 50 आतंकवादियों की क्षमता।
7) बरनाला कैंप, राजौरी के सामने नियंत्रण रेखा से 10 किलोमीटर दूर।
8) सरजाल कैंप, जैश कैंप, सांबा-कठुआ के सामने अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग 8 किलोमीटर दूर।
9) महमूना कैंप, अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किलोमीटर दूर, सियालकोट के पास, एचएम प्रशिक्षण शिविर।