
बस्ती। कबीर साहित्य सेवा संस्थान ने गुरुवार को अपना तेरहवां स्थापना दिवस बड़े ही सादगीपूर्ण एवं विचारोत्तेजक माहौल में प्रेस क्लब सभागार, बस्ती में मनाया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ ने की।
इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष सामईन फारूकी ने विगत 13 वर्षों की यात्रा को साझा करते हुए कहा कि संस्था ने साहित्य, समरसता और सामाजिक एकता को लेकर कई रचनात्मक कार्य किए हैं और भविष्य में इसके विस्तार की योजना है।
मुख्य अतिथि पूर्व विधायक व वरिष्ठ समाजसेवी राजमणि पाण्डेय ने संस्थान के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि महात्मा कबीर की प्रेरणा से चल रहा यह संस्थान आज के समाज को एकजुट करने का काम कर रहा है, जो समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है।
विशिष्ट अतिथियों में शामिल डॉ. वी.के. वर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम प्रकाश शर्मा, डॉ. वाहिद अली सिद्दीकी, देवेंद्रनाथ श्रीवास्तव ने अपने विचार रखते हुए कहा कि आज के विभाजनकारी माहौल में संस्थान गंगा-जमुनी तहजीब को बचाने का जो कार्य कर रहा है, वह अत्यंत सराहनीय और जरूरी है।कहा कि आज जब जाति, धर्म, मजहब के नाम पर आये दिन इंसानियत लहूलुहान हो रही है ऐसे संस्थानों का महत्व बढ गया है जो विषम परिवेश में कौमी एकता की अलख जगा रहे हैं।
बी.एन. शुक्ल ने कहा कि समाज में बढ़ रही वैमनस्यता को दूर करने के लिए किए जा रहे प्रयासों का स्वागत होना चाहिए।
दीपक सिंह प्रेमी, नीरज वर्मा, अशद बस्तवी, सेराज अहमद, तौव्वाब अली सहित कई वक्ताओं ने महात्मा कबीर के समन्वयवादी मार्ग को आज के युग की सबसे बड़ी जरूरत बताया।
कार्यक्रम में राजेंद्र सिंह ‘राही’, अहमद जावेद अंसारी, अर्चना श्रीवास्तव, रामलौट, महेन्द्र प्रताप सिंह, शाद अहमद ‘शाद’ सहित अनेक गणमान्य नागरिक, साहित्यकार व सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
कार्यक्रम के अंत में संस्थान के अध्यक्ष सामईन फारूकी ने सभी उपस्थितजनों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संस्थान आने वाले समय में भी समाज में सांप्रदायिक सौहार्द और वैचारिक जागरूकता फैलाने का कार्य करता रहेगा।