•किसी के झूठे आरोप से मेरा भाई हत्यारा नहीं, इसकी गहनता से पुलिस करे जांच- सिम्मी सिंह
•शक्ति सिंह के भाईयो में डेढ़ बीघा जमीन के लेकर हैं विवाद, कोर्ट से बीते 28 या 29 तारीख आना था फैसला- सिम्मी सिंह।
•शक्ति सिंह के भाई और उनके पूर्वजो पर मुकदमों का हैं भण्डार, पुलिस इसका भी करे जांच।
•शक्ति सिंह के ऊपर बलात्कार के साथ तमाम और हैं जघन्य है अपराध-सिम्मी सिंह।
•मेरे पापा और भाई दोनो लोग शक्ति सिंह व उनके परिवार का शादी, दवा के साथ तमाम किए हैं मदद- सिम्मी सिंह।
•मेरा भाई निर्दोष है कातिल कोई और हैं मेरे भाई को सिर्फ राजनैतिक तरीके से फसाया जा रहा है- सिम्मी सिंह।
•लगभग ढाई पन्ने विज्ञप्ति में बताया गया हैं शक्ति सिंह और उनके परिवार के अपराधिक इतिहास के मामले का किया गया है जिक्र।
सन् 1960 से ही इनके परिवारो का हैं अपराधिक इतिहास- सिम्मी सिंह।
बस्ती। राजनीति में सब कुछ जायज है यह कहावत पूर्वजों द्वारा हमेशा कहा जाता है। जनपद में शक्ति सिंह हत्याकांड को लेकर तमाम प्रकार की चर्चाएं होना शुरू हो गया है और लोगों में यह भी चर्चा है की राणा कि किंकर सिंह के मरने के बाद उनके बेटे ने राजनीति में अपनी छाप बनाना शुरू कर दिया था और तेजी से राजनीति में आगे बढ़ते जा रहे हैं वहीं और सभी लोगों का कहना है की पूर्व विधायक कृष्ण किंकर सिंह राणा के मरने के बाद उनके बेटे ने लगातार अपने घर दो कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें भीड़ देखकर राजनीति के लोग इनके पीछे पड़ चुके हैं और इन्हें अन्य षड्यंतों के तहत फंसा कर जेल भेजने की कोशिश किया जा रहा है।
वहीं उनके बहन सिम्मी सिंह का कहना है कि मेरे परिवार और भाई के ऊपर लगे कथित हत्या के संबंध में मैं अपनी बात मीडिया के समक्ष और आपके माध्यम से समाज के सामने रखना चाहती हूं और आपको बताना चाहती हूं कि मृतक के परिवार से वर्तमान में कोई भी अपराधिक मामले नहीं थे जिन रमेश सिंह का नाम लिया जा रहा है हमारे पिताजी ने हर संभव मदद उनकी की थी यहां तक कि उनके ब्रह्मभोज में भी हमारे पिताजी ने आर्थिक सहयोग से लेकर और भी व्यवस्थाओं का इंतजाम किया था।
कहा कि मुझे अखबारों से पता चला कि मृतक के भाई ने कहा है कि देश आजाद हो गया परंतु रानीपुर कभी आजाद नहीं हुआ! इस संबंध में मैं आप लोगों को बताना चाहती हूं कि जब आप पहलवान सिंह के दौर में जाएंगे तो आपको पता चलेगा कि इस परिवार का हनक और रुतबा कितना था। 50 से 60 बीघा खेत हनक और रूतबे के बल पर पूरे जवार के गरीब किसानो से उनके बैल द्वारा एक ही दिन में जबरन जुतवाए जाते थे। जब कलवारी से बस्ती आने के लिए तांगे का प्रयोग होता था उसे समय अगर कोई तांगा कलवारी से बस्ती आ रहा है सवारी लेकर तो उसे बेलाड़ी उतारकर उसी तांगे से पहलवान सिंह बस्ती जाया करते थे।
कहा कि पहलवान सिंह और शक्ति सिंह तक आपराधिक मुकदमों की अगर बात की जाए तो सबसे पहले सन 1960-61 में पहलवान सिंह के द्वारा उनके घर रह रहे हरवाह सबदुल को मार कर पहलवान सिंह के द्वारा बंगाली शुक्ला गोमती सिंह राम नारायण सिंह को फंसाया गया। 1960 में ही पहलवान सिंह ने टिकोरी पाण्डेय को जो बक्सर के रहने वाले थे उनकी निर्ममता से आंख निकाल लिया जिसमें उन्हें 7 साल की सजा हुई थी। 1961 में रामबदन सिंह की हत्या में 307 के मुलाजिम बने और 5 साल की सजा भी हुई थी। 1970 में हीरा चौधरी की हत्या रिठिया पर हुई
“जिसमें फर्जी तरीके से मेरे पिताजी को फसाया गया इसके बाद 1968 में अपने हाथ में स्वयं अपने से बम मारकर मेरे पिताजी को फर्जी तरीके से मुलजिम बनाएं और इसी मामले में राज बहादुर सिंह को फर्जी गवाह बनाने का दबाव बनाया गया जब राज बहादुर सिंह इस गवाही से मुकर गए तो पहलवान सिंह ने उनकी भी हत्या कर दी जिसमें भी 302 के मुलजिम थे, रमेश सिंह की अगर बात की जाए तो 1981में दान बहादुर सिंह की हत्या में मुलजिम रहे जेल गए 1985 में कुलदीप श्रीवास्तव की हत्या में 302 के मुलजिम थे, जिसका केश अभी भी चल रहा है बाबूराम वर्मा के बेटे की हत्या हुई जिसमें लाश नहीं बरामद हुई और 302 के मुलजिम बने और जेल भी गये। गांव के ही रामपाल
हरिजन की हत्या में रमेश सिंह 302 के अकेले मुलजिम है। वर्तमान में अगर मृतक शक्ति सिंह की बात की जाय तो इसका ताण्डव पूरे गांव में था। हरिजन बस्ती में कोई परिवार अपने आप को सुरक्षित नही मानता था । हमारे गांव के हीरा हरिजन की लड़की के साथ कई दिनों तक बलात्कार करता रहा और उस मामले में 376 का मुलजिम है और 7 साल की सजा हुई जो काफी बड़ा मामला हुआ था। इसी मामले में बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्षा रीता बहुगुणा जोशी का भी आना हुआ था। शक्ति सिंह जिला बदर अपराधी था।
बताया कि शक्ति सिंह का भाई अपने ही पटिदारी के राजू सिंह की निर्मम हत्या उनके दरवाजे पर ही कर दिया। जिनके 3 नाबालिक बच्चे हैं। उक्त अपराध में वह जेल में सजा काट रहा है। गांव के ही मनोज अमन और प्रदीप मारपीट मामले में शक्ति सिंह विक्रम सिंह रमेश सिंह सहित पूरा परिवार 307 का मुलजिम है। आपको बता दें कि जब रमेश सिंह बीडीसी का चुनाव लड़ना चाह रहे थे उस समय इन्हें चुनाव नहीं लड़ने दिया जा रहा था उस मामले में विपक्षी द्वारा इन्हे जब मारापीटा गया और पर्चा दाखिला जब नही करने दिया जा रहा था तब यह हमारे घर पिता जी के पास आकर मदद मांगा और सुलह समझौता किया और पिताजी से सहयोग मांगा उस समय पिताजी ने पुरानी सभी रंजिशों को समाप्त कर इन्हें गले लगाया और इनको चुनाव लड़वाया, पर्चा दाखिला करवाया, प्रचार करवाया, उसके बाद पिताजी ने इन्हें डायरेक्टरी का भी चुनाव लड़वाया।
दोनों परिवारो में इस दौरान कोई भी मन-मुटाव नही था। आगे चलकर जब रमेश सिंह का स्वास्थ्य गड़बड़ हुआ तो पिताजी के द्वारा पीजीआई में इनका लगातार इलाज करवाते रहे। यहां तक की मेरा भाई भी पी०जी०आई० ले जाकर इलाज करवाता था। मेरे घर से जब तक वह जिंदा थे पीने के लिए फिल्टर का पानी जाता था। क्योंकि वह किडनी की बीमारी से ग्रसित थे, आपको जानकर हैरानी होगी कि पिताजी के द्वारा ही मृतक शक्ति सिंह के भाई की शादी करवाई। इनके बहन कंचन की भी शादी पिताजी ने ही करवाई।
यह सर्व विदित है सब लोग जानते हैं यही नहीं रमेश सिंह की मृत्यु के बाद पिताजी ने ही उनके ब्रह्मभोज में 50 हजार रुपए नगद सहित हर सम्भव सहयोग किया। अभी जब मैं गांव ”आई तो पता चला कि शक्ति सिंह और विक्रम सिंह की रोज आपसी मारपीट होती है। यहां तक की शक्ति सिंह अपनी भाभी को भी मारता-पीटता है जिसके डर से उसका भाई विक्रम अपनी पत्नी को लेकर अवैध रूप से संचालित आरा मशीन पर रहता है। क्योंकि दोनो में संपत्ति के बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा था और उस मामले में बटवारा भी दाखिल हुआ है जिसमें 28 या 29 तारीख को बंटवारे पर कुछ फैसला भी होना था और उसके पहले यह घटना हो गई।
कहीं यहां आपसी रंजिश का भी मामला हो सकता है क्योंकि वह मेरे पिताजी की मृत्यु के बाद लगातार भाई को धमकी देता था और गाली गलौज भी करता था फिर भी हम लोग हमेशा शांत रहे क्योंकि उसे परिवार को अपना परिवार माना जाता था इसलिए कहीं ना कहीं या घटना सोच समझ कर राजनीतिक दोष बस भी जा सकती है और इसमें मेरे परिवार मेरे भाई को फसाने का साजिश की जा रही है मुझे आप सबके माध्यम से यह कहना है कि प्रशासन को एक बार सभी बिंदुओं पर विचार करते हुए अग्रिम कार्रवाई करनी चाहिए।