
•भूमि विवाद की बढ़ती शिकायतों से लोग परेशान, राजस्व विभाग मौन।
•शिकायतें दर्ज होने के बावजूद कार्रवाई नहीं हाेने से बढ़ रहा अपराध।
बस्ती। जनपद में भूमि विवादों की बढ़ती घटनाओं ने आम जनता की परेशानियां बढ़ा दी हैं। राजस्व महकमे की उदासीनता ने हालात को और भी जटिल बना दिया है। आए दिन जमीन के सीमांकन, कब्जा, नामांतरण और बंटवारे को लेकर शिकायतें जिला मुख्यालय पर पहुंच रही हैं। बीते छह माह में अकेले पुलिस अधीक्षक कार्यालय में 4336 शिकायतें दर्ज की गईं, इनमें सर्वाधिक 1646 प्रकरण अकेले भूमि विवाद से संबंधित रहे हैं।
हालांकि सीओ सिटी सत्येन्द्र भूषण तिवारी का कहना कि जन शिकायतों का निस्तारण शासन की मंशा व उच्चाधिकारियों के निर्देश पर किया जा रहा है। पुलिस के पास ज्यादातर शिकायतें भूमि विवाद की आती हैं। इनमें पुलिस को सीमित अधिकार हैं। आम जन से अपील है कि आपसी विवाद से बचें। अपनी समस्या अधिकारियों के पास लेकर जाएं।कानून अपने हाथ में न लें।
भूमि विवाद जैसी संवेदनशील समस्याओं पर अगर प्रशासन समय रहते गंभीरता न दिखाए, तो न केवल जनता का विश्वास कमजोर होता है, बल्कि कानून-व्यवस्था की स्थिति भी बिगड़ सकती है। जरूरत है कि शिकायतों का शीघ्र निपटारा हो और राजस्व विभाग में जवाबदेही तय की जाए।
: अजय प्रताप सिंह, अध्यक्ष सिविल बार एसोसिएशन, बस्ती
—-
भूमि विवाद एक आम समस्या है। कभी-कभी, ये विवाद इतने जटिल हो जाते हैं कि पुलिस के लिए भी इनका समाधान करना मुश्किल हो जाता है। भूमि विवाद से संबंधित शिकायतों में, पुलिस की भूमिका कानून और व्यवस्था बनाए रखने की होती है, लेकिन जमीन के मालिकाना हक का फैसला करने का काम राजस्व विभाग या न्यायालयों है।
: मारूत कुमार शुक्ला, महामंत्री सिविल बार एसाेसिएशन, बस्ती
थाने पर होगा संपूर्ण विवाद रजिस्टर, जनता देगी फीडबैक: अभिनन्दन
पुलिस अधीक्षक अभिनन्दन ने कहा कि जनपद बढ़ते भूमि विवाद को गंभीरता से लिया गया है। इसके लिए सभी 16 थाने पर संपूर्ण विवाद रजिस्टर बनाया गया है। इसमें जमीन के सीमांकन, कब्जा, नामांतरण, बंटवारे और रास्ते से संबधित विवाद दर्ज किया जा रहा है। रजिस्टर में दर्ज की सभी प्रकरणों की संबंधित सर्किल के सीओ द्वारा हर पखवारे आयोजित होने वाले थाना समाधान दिवस पर इसकी विधिवत समीक्षा की जाएगी। संबंधित प्रकरण में बीट सिपाही से लेकर हल्का दारोगा व थाना प्रभारी ने क्या कार्रवाई की है, उसका उल्लेख रहेगा। इसमें लापरवाही मिलने पर बीट सिपाही व हल्का दारोगा की छुट्टी निरस्त कर दी जाएगी। हर एक सर्किल की सप्ताह में एक बार एएसपी की ओर से समीक्षा की जाएगी। माह में एक बार मेरे द्वारा संपूर्ण रजिस्टर की थानावार समीक्षा होगी।
इसके अलावा जिलाधिकारी के निर्देशन में भूमि विवाद व आगामी पंचायत चुनाव को लेकर कार्यशाला आयोजित की जाएगी। पुलिस व राजस्व टीम को मौके पर जाकर सीधे मामले का निस्तारण करेगी। इसके लिए यूपी 112 को भी प्रशिक्षित कर उसकी मदद ली जाएगी। भूमि विवाद पर अंकुश लगाने के पुलिस दफ्तर में फीड बैक सेल गठित कर दिया गया है। जन शिकायत में क्या कार्रवाई हुई है उसी संबंधित काल फीडबैक सेल की ओर रात में शिकायतकर्ता को की जाएगी। जनता से मिले फीड बैक के आधार थाने की रैंकिंग होगी।
—
पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दर्ज शिकायतें
जनवरी से जून के बीच दर्ज कुल प्रार्थनापत्र : 4336, भूमि विवाद: 1646, मारपीट : 1082, पारिवारिक विवाद : 348, पुलिस के खिलाफ शिकायत: 12, बार-बार आने वाली शिकायतें : 109
पुलिस ने की कार्रवाई, प्रशासन ने साधी चुप्पी
शहर के बैरिहवा में एक महीने पहले दबंगाें से राजस्व कर्मियों व पुलिस के सामने ही दिन-दहाड़े चहारदीवारी ढहा दी थी। इस प्रकरण को शासन व कमिश्नर-डीआइजी ने संज्ञान लिया। जांच टीमें गठित हुई। इसके बाद रिपोर्ट के आधार पर शहर कोतवाल व संबंधित रौता चोकी प्रभारी को निलंबित कर दिया गया। इसी तरह पैकोलिया के जीतीपुर गांव में भूमि विवाद को लेकर हुई हत्या की घटना में एसएचओ समेत तीन पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया। जबकि भूमि विवाद की दोनों ही घटनाओं के लिए जिम्मेदार माने गए राजस्व अधिकारियों व कर्मचारियों पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी।