
बाराबंकी। आषाढ़ पूर्णिमा से नागपंचमी तक चलने वाले मजीठा नाग देवता मेले का बीते बुधवार को पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ भव्य शुभारंभ हुआ। नाग देवता मंदिर परिसर वैदिक मंत्रोच्चार और श्रद्धालुओं की जयकारों से गूंज उठा। खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री सतीश शर्मा ने फीता काटकर मेले का उद्घाटन किया। उन्होंने विधिविधान के साथ नाग देवता की पूजा-अर्चना कर भक्तों के साथ आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस दौरान उन्होंने कहा, “यह ऐतिहासिक मेला हजारों लोगों की आस्था का केंद्र है। यहां सर्पदंश से पीड़ितों को नई जिंदगी मिलती है। मेला क्षेत्र में सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।”
झूले-हिंडोले बने आकर्षण का केंद्र
मेले में जगह-जगह लगी दुकानों, झूलों और हिंडोलों ने श्रद्धालुओं और बच्चों को आकर्षित किया। वहीं, श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर में डेरा डालना शुरू कर दिया है। गुरुवार को पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। मेले में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पार्किंग, बैरिकेडिंग और साफ-सफाई की व्यापक व्यवस्था की गई है। मेले में लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
आस्था का प्रतीक नाग देवता मंदिर
ग्राम पंचायत मजीठा स्थित श्री नाग देवता मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु दूध और चावल लेकर बांबी पर चढ़ाने पहुंच रहे हैं। मान्यता है कि यहां दूध और चावल चढ़ाकर मिट्टी की “मलिया” घर में रखने से सर्प का भय समाप्त हो जाता है।