
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार किसानों के हर संकट में उनके साथ खड़ी है। प्राकृतिक आपदाओं और मौसम की मार से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत व्यापक सुरक्षा कवच प्रदान कर रही है। इस योजना के तहत प्रदेश के किसान आगामी 31 जुलाई तक धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, उर्द, मूंग, अरहर, मूंगफली, सोयाबीन और तिल जैसी खरीफ फसलों का बीमा करा सकते हैं। योजना का लाभ लेने के लिए किसान आधार कार्ड, खतौनी, बैंक पासबुक और फसल विवरण के साथ नामांकन करा सकते हैं।
प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसानों से अपील की है कि वे निर्धारित तिथि तक बीमा कराकर इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना न केवल प्राकृतिक आपदाओं से क्षतिग्रस्त फसल की भरपाई करती है, बल्कि यह किसानों की आय को स्थिर बनाए रखने में भी सहायक है। योजना के तहत किसानों को बीमा प्रीमियम के रूप में केवल दो प्रतिशत राशि देनी होती है जबकि शेष भुगतान केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किया जाता है।
खरीफ फसलों के उत्पादन में अक्सर कीट-व्याधियों, ओलावृष्टि, बाढ़, सूखा और तूफान जैसे कारकों से भारी नुकसान की संभावना बनी रहती है। इन जोखिमों से निपटने के लिए सरकार ने यह योजना लागू की है, ताकि किसानों की मेहनत और पूंजी सुरक्षित रह सके। योजना के तहत किसानों को न्यूनतम प्रीमियम पर अधिकतम सुरक्षा प्रदान की जाती है, जिससे उन्हें कृषि ऋण चुकाने में भी मदद मिलती है और कृषि क्षेत्र में स्थायित्व सुनिश्चित होता है।
बीमा कराने के लिए किसान अपने नजदीकी बैंक शाखा, कॉमन सर्विस सेंटर या https://pmfby.gov.in पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। बीमा के बाद यदि किसी आपदा के कारण फसल को क्षति पहुंचती है तो किसान को 72 घंटे के भीतर बीमा कंपनी, कृषि विभाग या फसल बीमा हेल्पलाइन नंबर 14447 पर सूचना देनी होगी। समय से सूचना देने पर ही सर्वेक्षण कर क्षतिपूर्ति की प्रक्रिया प्रारंभ की जाती है।फसल बीमा कराने से पहले किसानों को सलाह दी गई है कि वे केवल अपनी वास्तविक फसल और भूमि का ही विवरण दें, ताकि बाद में सर्वेक्षण के समय कोई समस्या न हो।
बीमा से जुड़ी किसी भी जानकारी, पंजीकरण या दस्तावेज संबंधी सहायता के लिए किसान हेल्पलाइन नंबर 14447 पर संपर्क कर सकते हैं। कॉल करने से पहले किसान अपने दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, कृषक आईडी, खेत और फसल की जानकारी तैयार रखें।कृषि विभाग ने सभी किसानों से आग्रह किया है कि वे अंतिम तिथि से पहले अधिसूचित फसलों का बीमा कराकर योजना का लाभ उठाएं और प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित खेती सुनिश्चित करें। यह योजना किसानों के आत्मनिर्भर और सशक्त भविष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।
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