
केके मिश्रा संवाददाता।
संत कबीर नगर। कृषि विभाग द्वारा एकदिवसीय जनपद स्तरीय खरीफ गोष्ठी एवं जनपद स्तरीय खरीफ वर्कशॉप एवं सेमिनार तथा तिलहन मेला कार्यक्रम का आयोजन संत कबीर नगर प्रेक्षागृह मगहर में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मा0 विधायक खलीलाबाद अंकुरराज तिवारी, जिलाधिकारी आलोक कुमार, मुख्य विकास अधिकारी जयकेश त्रिपाठी एवं उप कृषि निदेशक डॉ राकेश कुमार सिंह द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया।
माo विधायक खलीलाबाद अंकुर राज तिवारी जी ने अपने संबोधन में कहा कि जून से नवंबर के बीच मानसून फसल के रूप में खरीफ जाना जाता है जिस पर किसानी वर्षा पर निर्भरता रहती है। वर्तमान में खेती आधुनिकता की तरफ बढ़ रही है। मा0 मुख्यमंत्री जी एवं मा0 प्रधानमंत्री जी का लगातार प्रयास से प्राकृतिक विधि से खेती एवं श्रीअन्न का प्रचार प्रसार तेजी से देश में फैल रहा है। यह अन्न हर प्रकार से मानव के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी है जिसका निरंतर प्रयोग करने से मनुष्य कई तरह की बीमारियों से अपने आप को बचा सकता है। आने वाले समय मे श्री अन्न का उत्पादन काफी आगे जाएगा, जिससे किसान श्रीअन्न की खेती करके काफी लाभ कमा सकते हैं।
उन्होंने कहा की नील गाय, बन सुअरों से निजात पाने के लिए पेड़ लगाए जाएं एवं खेत की चारों तरफ तार से घेराबंदी की जाए।
जिलाधिकारी आलोक कुमार ने उपस्थित किसानों को धन्यवाद देते हुए बताया कि आज लगातार जनसंख्या का विस्तार हो रहा है ऐसे में कृषि का उत्पादन बढ़ाना अत्यंत अनिवार्य है जिसके लिए विभिन्न वैज्ञानिकों द्वारा बताया गया कि उन्नत तकनीक को कृषि के क्षेत्र में अपनाना अति अनिवार्य है। सभी किसान उन्नत कृषि तकनीक को अपना कर अपने उत्पादन को बढ़ाए, जिससे उनके साथ इस देश का भी कृषि के क्षेत्र में विकास हो। उन्होंने कहा कि किसान दिवस हर तीसरे बुधवार को होता है जिसमें आप सभी किसान सम्मिलित होकर अपनी समस्याओं के बारे में चर्चा कर समाधान कर सकते हैं।
कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी जयकेश त्रिपाठी ने उपस्थित किसानों का अभिवादन करते हुए कहा कि कृषि विभाग भारत सरकार द्वारा संचालित एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित कृषि विभाग के समस्त कार्यक्रमों का प्रचार प्रसार बृहद रूप में गांव और किसानों के बीच में हो रहा है और उन्होंने सभी किसानों से इसे बृहद रूप में जुड़ने की अपील किया।
उन्होंने कहा कि आज हमारा किसान सभी कृषि विभाग की योजनाओं से परिचित है और उसका लाभ प्राप्त कर रहा है और ऐसे मे विभाग की जिम्मेदारी है कि किसानों को यह समस्त जानकारी समय से उपलब्ध कराता रहे।
कार्यक्रम में माननीय विधायक खलीलाबाद अंकुरराज तिवारी, जिलाधिकारी आलोक कुमार, मुख्य विकास अधिकारी जयकेश त्रिपाठी द्वारा प्रगतिशील कृषक सुरेंद्र राय एवं अरुण शरण पांडेय को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में उप कृषि निदेशक डॉ राकेश कुमार सिंह द्वारा उपस्थित समस्त कृषकों को कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया।
वार्ता के क्रम में एफपीओ कृषि उत्पादक संगठन पौली के अध्यक्ष अरुण कुमार पांडे ने प्राकृतिक खेती एवं जैविक खेती पर प्रकाश डालते हुए बताया कि एक देसी गाय के गोमूत्र और गोबर से जीवामृत बनाकर किसान अपनी खेती को प्राकृतिक रूप में परिवर्तित कर सकता है जिसकी शुरुआत छोटे मात्रा से की जाए। उन्होंने किसानों से अनुरोध किया कि अपने समस्त खेती में से कुछ हिस्सा प्राकृतिक खेती के रूप में भी अपनाए।
दुग्ध विकास विभाग के ज्येष्ठ निरीक्षक दुर्गेश कुमार गुप्ता ने अवगत कराया कि दुग्ध व्यवसाय की मार्केटिंग में सहकारी समितियां का गठन का प्रस्ताव किया गया है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में दुग्ध व्यवसाय की सहकारी समिति होने से दुग्ध के विक्रय को बढ़ावा दिया जा सकता है। उन्होंने अवगत कराया कि कृषकों के लिए नंदिनी समृद्धि कृषक योजना संचालित है जिसमें देशी गाय का पालन किया जा सकता है और कुल 20 गाये उसमें रखी जा सकती है जिसकी कुल लागत 31 लाख 25 हजार रुपए की सब्सिडी सरकार द्वारा दी जाएगी। दूसरी योजना नंदिनी मिनी समृद्धि योजना है इसमें केवल 10 देसी गायों के साथ दूध का व्यवसाय किया जा सकता है।
जिला उद्यान अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि उत्तर प्रदेश सब्जी उत्पादन में पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। उन्होंने एकीकृत बागवानी मिशन योजना एवं उद्यान विभाग द्वारा संचालित समस्याओं पर प्रकाश डाला।
कृषि विभाग के अंतर्गत कार्यरत भूमि संरक्षण अधिकारी दीपचंद चौरसिया ने भूमि संरक्षण विभाग द्वारा संचालित खेत तालाब योजना के बारे में कृषकों को अवगत कराते बताया की किसान इस योजना के माध्यम से मत्स्य पालन, बत्तख पालन, तालाब के किनारे पपीते की खेती, केला की खेती, पॉपुलर की खेती, यूकेलिप्टस आदि की खेती कर सकते है।
गोरखपुर के कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर भुवनेश्वर पांडे ने कृषि में तिलहन कार्यक्रम पर पूरा प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मृदा की जांच अवश्य कराये एवं उसी के अनुसार खाद का प्रयोग करना चाहिए साथ ही किसानों को लाइन से बुवाई करने करनी चाहिए जिससे पौधों को हवा और प्रकाश ठीक से प्राप्त हो सके। उन्होंने श्री अन्न की खेती के बारे में प्रकाश डाला।
कृषि वैज्ञानिक बगही के डॉo देवेश कुमार ने भूमि सुधार कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खेत की बुवाई से पहले मिट्टी का सैंपल लेकर मृदा परीक्षण प्रयोगशाला या केवीके पर करा लेना चाहिए उसी के अनुसार कृषको को अपने फसलों मे संतुलित खाद का प्रयोग करना चाहिए।
इस कार्यक्रम में पूरे जनपद से आए हुए किसानों की भागीदारी रही एवं साथ ही कृषि विभाग, उद्यान विभाग, विकास विभाग, फसल बीमा कंपनी, बैंक , भूमि संरक्षण विभाग, कृषि, सहकारिता विभाग, राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका विभाग , कार्यक्रम विभाग आगनवाड़ी, कृषक उत्पादक संगठन ,कृषि निवेश ,मंडी समिति ,गन्ना विभाग, भूजल एवं लघु सिचाई विभाग सरजू नहर के स्टॉल लगाए गए थे जिसका भ्रमण उपस्थित किसानो एवं जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा किया गया।
इस अवसर पर उप कृषि निदेशक डॉ राकेश कुमार सिंह, जिला कृषि अधिकारी डॉक्टर सर्वेश कुमार यादव, जिला उद्यान अधिकारी समुद्रगुप्त मल्ल, प्रगतिशील किसान सुरेंद्र राय सहित संबंधित अधिकारी एवं सम्मानित किसान बन्धु आदि उपस्थित रहे।