
•कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में यह चुनाव चौथी बार हो रहा है; इससे पहले 2009, 2014 और 2019 में चुनाव हो चुके हैं।
•क्लब की शुरुआत संविधान सभा के संवाद मंच के रूप में 1947 में हुई थी।
•क्लब की गवर्निंग बॉडी के चुनाव अब नियमित प्रक्रिया हैं; 2 अगस्त 2008 को बायलॉज स्वीकृत हुए और 18 फरवरी 2009 को पहले चुनाव हुए।
•क्लब का सदस्यत्व केवल वर्तमान एवं पूर्व सांसदों को है; वर्तमान में लगभग 1200 से अधिक सदस्य हैं, जिनमें •देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षा मंत्री जैसे शीर्ष राजनीतिक नेता शामिल हैं।
•केवल क्लब की सदस्यता लेने वाले सांसद व पूर्व सांसद ही कर सकते है मतदान
•राजीव प्रताप रूडी के नेतृत्व में क्लब ने एक उपेक्षित और जर्जर अवस्था से आधुनिक बहुउपयोगी संसदीय क्लब का स्वरूप प्राप्त किया है।
•यह संस्था राजनीति से ऊपर उठकर संवाद, सौहार्द और लोकतांत्रिक सह-अस्तित्व की संस्कृति का प्रतीक है।
•सचिव (संस्कृति), सचिव (खेल) और कोषाध्यक्ष – तीनों पदों पर प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित।
नई दिल्ली। कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया के चुनाव में इस बार दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है। सचिव (प्रशासन) पद के लिए दो भाजपा नेता, राजीव प्रताप रूडी और संजीव बालियान आमने-सामने हैं। यह पद क्लब का सबसे ताकतवर पद है, और दोनों नेताओं ने अपनी जीत के लिए जोरदार अभियान शुरू कर दिया है। कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया का आगामी चुनाव 12 अगस्त 2025 को आयोजित हो रहा है, जिसमें सचिव (प्रशासन) तथा 11 कार्यकारी सदस्यों का निर्वाचन किया जाएगा। यह क्लब, जो देश के वर्तमान और पूर्व सांसदों का विशिष्ट मंच है, अपने गठन के बाद से आज एक संस्थागत गरिमा और लोकतांत्रिक संवाद का प्रतीक बन चुका है। क्लब की चुनावी परंपरा कोई नया या असाधारण घटनाक्रम नहीं है। इससे पूर्व 2009, 2014 और 2019 में भी गवर्निंग बॉडी के चुनाव सफलतापूर्वक आयोजित हुए हैं। इसके पहले भी भाजपा के ही विजय गोयल और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद क्लब का चुनाव लड़ चुके हैं। इस बार सचिव (प्रशासन) पद के लिए भाजपा के दो वरिष्ठ नेताओं राजीव प्रताप रूडी और डॉ. संजीव बालियान के बीच सीधा मुकाबला हो रहा है, जो संस्था की लोकतांत्रिक परिपक्वता को दर्शाता है।
कॉन्स्टिट्यूशन क्लब की स्थापना 1947 में संविधान सभा के सदस्यों के संवाद हेतु हुई थी। बाद में इसे सांसदों के क्लब के रूप में मान्यता मिली। इसकी औपचारिक संरचना 1965 में राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा उद्घाटन के साथ स्थापित हुई। वर्ष 1998-99 में लोकसभा अध्यक्ष स्व. जीएमसी बालयोगी ने एक विज़न कमेटी गठित की, जिसमें श्री राजीव प्रताप रूडी, श्री हन्नान मौला जैसे सदस्य शामिल थे।
इस कमेटी के माध्यम से क्लब में आवश्यक सुधारों की नींव पड़ी और श्री रूडी को सचिव (प्रशासन) के रूप में नामित किया गया। 2002 में क्लब को सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 के तहत पंजीकृत किया गया, जिससे इसे संवैधानिक दर्जा प्राप्त हुआ। इसके पश्चात तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष स्व. सोमनाथ चटर्जी के निर्णयानुसार क्लब में चुनाव आधारित गवर्निंग व्यवस्था की शुरुआत हुई। 2 अगस्त 2008 को चुनावी उपनियम स्वीकृत हुए और 18 फरवरी 2009 को पहली बार चुनाव आयोजित किए गए।
क्लब की गवर्निंग बॉडी में पदेन अध्यक्ष लोकसभा अध्यक्ष होते हैं; वर्तमान में ओम बिरला इस पद पर आसीन हैं। इसके अतिरिक्त तीन सचिव (प्रशासन, खेल, संस्कृति), एक कोषाध्यक्ष तथा 11 कार्यकारी सदस्य होते हैं। वोटिंग का अधिकार केवल वैसे वर्तमान एवं पूर्व सांसदों को है जिन्होंने क्लब की सदस्यता ली है। वर्तमान में क्लब में लगभग 1200 सदस्य हैं, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लालकृष्ण आडवाणी, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी आदि प्रमुख नाम हैं।
वर्तमान में मतदान के पूर्व ही निर्विरोध रूप से सचिव (संस्कृति) के लिए डीएमके के श्री तिरुचि शिवा, सचिव (खेल) के लिए कांग्रेस के श्री राजीव शुक्ला और कोषाध्यक्ष के पद पर ए. पी. जितेन्द्र रेड्डी निर्वाचित हुए है। इन सभी पदों के लिए दो-दो नामांकन प्राप्त हुए थे, लेकिन एक-एक प्रत्याशी द्वारा नाम वापसी के उपरांत ये तीनों वरिष्ठ नेता निर्विरोध रूप से निर्वाचित घोषित किए गए। यह तीनों पद एक साथ निर्विरोध हुए हैं, जो संस्था के भीतर परस्पर सहमति और विश्वास का परिचायक है।
कार्यकारी सदस्य के 11 पदों के लिए कुल 14 नामांकन प्राप्त हुए हैं। इनमें शिवसेना, टीएमसी, टीडीपी, समाजवादी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस सहित विभिन्न दलों के नेता शामिल हैं। यह चुनाव संस्था के भीतर व्यापक राजनीतिक सहभागिता और बहु-दलीय समावेशन को भी दर्शाता है।
मतदान प्रक्रिया पूर्णत: पारदर्शी, नियमबद्ध और निगरानी योग्य है, जिसमें प्रत्यक्ष मतदान 12 अगस्त 2025 (मंगलवार) को प्रात: 11:00 बजे से 16:00 बजे तक स्पीकर हॉल, भूतल, कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में संपन्न होगा। उसी दिन शाम 5 बजे से मतगणना प्रारंभ होगी। आज क्लब में आधुनिक रेस्टोरेंट, जिम, स्पा, स्विमिंग पूल, बैडमिंटन कोर्ट, क्रिकेट नेट और बहुउद्देशीय हॉल जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जहां सभी दलों की राजनीतिक बैठकें, सामाजिक समारोह और यहां तक कि पारिवारिक आयोजनों का भी आयोजन नियमित रूप से होता है।
अब यह देखा जा रहा है कि ‘अक्रॉस द पार्टी लाइनÓ सांसद और पूर्व सांसद इस संस्था को खुले दिल से अपनाने लगे हैं। पहले जहां लोग कम संख्या में आते थे, आज यहां कॉन्फ्रेंसें, निजी आयोजन और बैठकें होने लगी हैं। सांसदों के परिवारों के सदस्य विशेषकर बच्चे क्लब के जिम, स्विमिंग पूल जैसी सुविधाओं का उपयोग करने लगे हैं। रेस्टोरेंट और कैफे की व्यवस्था बेहद उत्कृष्ट हो गई है विशेषकर कैफे जो सुबह 5 बजे तक खुला रहता है, सदस्यों को विशेष रूप से पसंद आता है। एक समय जो संरचना उपेक्षित और जर्जर अवस्था की तरह थी, वह आज सांसदों की गरिमा और संवाद की जीवन्त संस्था बन चुकी है।
कॉन्स्टिट्यूशन क्लब का चुनाव कोई सामान्य प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक लोकतांत्रिक उत्सव है जहाँ निर्णायक मतदाता स्वयं देश के सांसद व पूर्व सांसद होते हैं। यह चुनाव संस्था की पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और समावेशी नेतृत्व के मूल्यों को पुष्ट करता है। कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया न केवल इतिहास है, वह वर्तमान लोकतंत्र की गूंज है। वह संवाद की संस्कृति, गरिमा की परंपरा और नेतृत्व की निरंतरता का नाम है ।