
– तहसीलों के माध्यम से कराई गई जांच में हुई पुष्टि।
– जिले में गहराता जा रहा यूरिया का संकट, डीएओ नाकाम।
बस्ती। कृषि विभाग भले ही उर्वरक वितरण व्यवस्था में अनियमितता को झुठलाने पर तुला हो। लेकिन, प्रशासन जमीनी हकीकत से रूबरू हो चुका है। मंडलायुक्त अखिलेश सिंह द्वारा तहसीलों के माध्यम कराई गई जांच व समीक्षा में अनियमितताएं पाई गई हैं। जिस पर उन्होंने डीएम के माध्यम से जिला कृषि अधिकारी (डीएओ) से तीन दिन में स्पष्टीकरण तलब किया है।
जनपद में यूरिया का संकट गहराता जा रहा है। किसानों को ऊंचे दामों में यूरिया बेची जा रही है। कुछ एकाध मामले को छोड़ दिया जाए तो अभी तक जिला कृषि अधिकारी कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पाए हैं। सूत्र बताते हैं कि सभी 14 ब्लाॅकों में रेट नियंत्रित करने के लिए एडीओ कृषि को लगाया गया है, फिर भी कोई राहत नहीं मिल रही है। जिला कृषि अधिकारी कार्रवाई के इरादे से खुद भी क्षेत्र में भ्रमण कर रहे हैं। फिर भी यूरिया का संकट और रेट नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं। अभी तक मीडिया में प्रकाशित खबरों को झुठलाने वाले जिला कृषि अधिकारी की करतूतों को मंडलायुक्त ने पकड़ा है।
उन्होंने डीएम के माध्यम से डीएओ से पांच बिंदुओं पर स्पष्टीकरण तलब किया है। पत्र में मंडलायुक्त ने कहा है कि निजी क्षेत्र के विक्रेताओं द्वारा अपने उर्वरक प्रतिष्ठानों/दुकानों को जानबूझकर बंद रखा जा रहा है। संचालकों द्वारा दुकान पर रेट बोर्ड नहीं लगाया जा रहा है और न ही स्टाक रजिस्टर मेंटेन किया जा रहा है। ई-पास मशीन को लंबे समय तक जानबूझकर खराब रखा जा रहा है और उसे ठीक कराने के लिए समय से प्रयास नहीं किया जा रहा है।
विक्रेता उर्वरक खरीदने वाले कास्तकारों का सही विवरण रजिस्टर में नहीं दर्ज कर रहे हैं। मंडलायुक्त ने तीन दिन में स्पष्टीकरण न देने पर डीएओ के विरुद्ध कार्रवाई की कठोर चेतावनी भी दी है।
