
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि मौजूदा सरकार में भ्रष्टाचार और लूट अपने चरम पर पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि हर विभाग, हर योजना और हर कार्य में कमीशनखोरी व्याप्त है। स्मार्ट सिटी के नाम पर हजारों करोड़ों के बजट का खुला बंदरबांट हुआ है, लेकिन नतीजे के नाम पर सिर्फ गड्ढे, जलभराव और बदहाल शहर नजर आते हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि राजधानी लखनऊ समेत जिन शहरों को भाजपा सरकार ने स्मार्ट सिटी घोषित किया था, वहां की हालत बेहद खराब है। सड़कों पर गड्ढे हैं, जिनमें भरा पानी लोगों के जीवन को खतरे में डाल रहा है। नालों की सफाई न होने से जलभराव की स्थिति बनी हुई है, जिससे दुर्घटनाएं हो रही हैं और लोगों की जानें जा रही हैं। प्रयागराज में 20 हजार करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी वहां के लोगों को सिर्फ जलभराव मिला है।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि “भ्रष्टाचार के गहरे गड्ढों में भरा पानी भाजपा के घोटालों की असलियत उजागर करता है।” पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार की बाढ़ प्रबंधन नीति को पूरी तरह विफल बताते हुए कहा कि प्रदेश के कई जिलों—प्रयागराज, मिर्जापुर, बांदा, हमीरपुर, जालौन, औरैया, वाराणसी, आगरा, इटावा, फतेहपुर, कानपुर देहात, बलिया आदि में बाढ़ की गंभीर स्थिति है। नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और हजारों घर जलमग्न हो चुके हैं, लेकिन सरकार कहीं नजर नहीं आ रही।
उन्होंने तंज कसते हुए पूछा कि “स्मार्ट सिटी का सपना दिखाने वाले भाजपाई अपनी नाव लेकर कहां गायब हो गए हैं?”
अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार ने बाढ़ से बचाव, राहत और पुनर्वास की कोई तैयारी नहीं की। लाखों लोगों की जिंदगी प्रभावित हो चुकी है, किसानों की फसलें तबाह हो गई हैं, पशुधन संकट में है और सरकार पूरी तरह लापरवाह बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार केवल अपनी सियासी नाव खींचने में लगी है, जनहित की उन्हें कोई चिंता नहीं है।समाजवादी पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि जनता अब भाजपा के रवैये से पूरी तरह त्रस्त और निराश हो चुकी है। किसान, मजदूर, व्यापारी और आम नागरिक अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की नीतियों ने जनता को संकटों के बीच छोड़ दिया है, और अब समय आ गया है कि जनता इसका जवाब दे।