
•बस्ती को नई पहचान दिलाने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम।
•मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक भी पहुँची है विश्वविद्यालय स्थापना की मांग।
•हिंदी भाषा, साहित्य व संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए होगा समर्पित संस्थान।
•शिवहर्ष पीजी कॉलेज कैंपस व भद्रेश्वरनाथ मार्ग की निष्प्रयोज्य ज़मीन का प्रस्ताव।
बस्ती। जनपद में आचार्य रामचंद्र शुक्ल हिंदी विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष दुर्गादत्त पांडेय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे पत्र में श्री पांडेय ने उल्लेख किया है कि हिंदी साहित्य और आलोचना के क्षेत्र में आचार्य रामचंद्र शुक्ल जी का योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने हिंदी भाषा और साहित्य को एक नई दिशा दी और एक समृद्ध विरासत छोड़ी है। उनके नाम पर एक विश्वविद्यालय की स्थापना, न केवल उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी, बल्कि हिंदी भाषा और साहित्य के विकास में भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
हमारा आपसे अनुरोध है कि आप आचार्य रामचंद्र शुक्ल हिंदी विश्वविद्यालय की स्थापना पर विचार करें। यह विश्वविद्यालय हिंदी भाषा, साहित्य, संस्कृति, और इतिहास के अध्ययन और अनुसंधान को समर्पित होगा। यह विश्वविद्यालय छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ, हिंदी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में नवाचार को भी बढ़ावा देगा।
हमें विश्वास है कि आपके नेतृत्व में, यह विश्वविद्यालय हिंदी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण संस्थान के रूप में उभरेगा।
पत्र में श्री पांडेय ने दो स्थानों का भी उल्लेख किया है जहाँ आचार्य रामचंद्र शुक्ल हिंदी विश्वविद्यालय की स्थापना की जा सकती है। प्रस्तावित विश्वविद्यालय के लिए शिवहर्ष किसान पीजी कालेज की कैम्पस के अतिरिक्त निष्प्रयोज्य पड़ी जमीनें जो बस्ती से भद्रेश्वरनाथ मार्ग एवं बस्ती गोंडा सीमा बभनान के पास गोंडा में है का इस्तेमाल किया जा सकता है। कालेज में प्रबंधतंत्र भी नहीं है जिलाधिकारी बस्ती प्राधिकृत नियंत्रक हैं इस हेतु आसानी से ज़मीन का अधिग्रहण किया जा सकता है।
बस्ती में आचार्य रामचंद्र शुक्ल हिंदी विश्वविद्यालय की स्थापना से बस्ती को एक पहचान मिलेगी इस परिकल्पना के साथ इस मुहिम की पहल करने वाले श्री पांडेय की कोशिशों में विभिन्न जनप्रतिनिधियों ने भी मुख्यमंत्री को अभी तक पत्र लिखा है और यह मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने भी प्रस्तुत हो चुका है।