
गोरखपुर। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) क्षेत्र, जो कि उद्योगों को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन के लिए स्थापित किया गया है, वहां नियमों को ताक पर रखकर अवैध रूप से शराब की दुकानें संचालित हो रही हैं। इन दुकानों के कारण न सिर्फ क्षेत्र का औद्योगिक उद्देश्य प्रभावित हो रहा है, बल्कि इनके आसपास फैल रही गंदगी से संक्रामक रोगों का खतरा भी बढ़ रहा है। हैरानी की बात यह है कि इन गंभीर अनियमितताओं पर भी गीडा के अधिकारी आँखें मूंदे बैठे हैं।
गीडा की स्थापना का मुख्य लक्ष्य अधिक से अधिक उद्योगों को स्थापित करना और क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करना है। वर्तमान में, कई उद्यमी अपनी फैक्ट्रियां लगाने के लिए भूमि की मांग कर रहे हैं, लेकिन इसी बीच गीडा के सेक्टर 13, 15 और 22 में अवैध रूप से अंग्रेजी और देसी शराब की दुकानें धड़ल्ले से चल रही हैं। यह स्थिति गीडा के जिम्मेदारों की बड़ी लापरवाही को उजागर करती है और उनके कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
जिस क्षेत्र का विकास औद्योगिक उद्देश्यों के लिए किया गया है, वहाँ शराब की दुकानें क्यों संचालित हो रही हैं? इन दुकानों के आसपास की स्थिति बेहद खराब है, जहां गंदगी का अंबार लगा रहता है, जिससे आस-पास के लोगों का रहना मुश्किल हो गया है। इस गंदगी से संक्रामक रोग फैलने का खतरा लगातार बना हुआ है।
जब इस संबंध में गीडा के जूनियर इंजीनियर शैलेश सिंह से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि आवंटियों को नोटिस भेजी जा रही है और उनके जवाब आने के बाद आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, यह देखना बाकी है कि इस मामले में गीडा प्रशासन कब और क्या ठोस कदम उठाता है। जब तक कार्रवाई नहीं होती, तब तक गीडा क्षेत्र में नियमों का उल्लंघन और गंदगी का सिलसिला जारी रहेगा, जो औद्योगिक विकास और जन स्वास्थ्य दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती है।