
नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी और हमारे लिए संविधान ही सर्वोपरि है। उन्होंने कहा, 15 अगस्त की तारीख हमारी सामूहिक स्मृति में गहराई से अंकित है। औपनिवेशिक शासन की लंबी अवधि के दौरान देशवासियों की अनेक पीढ़ियों ने यह सपना देखा कि एक दिन देश स्वाधीन होगा। देश के हर हिस्से के लोग विदेशी शासन की बेड़ियों को तोड़ने के लिए व्याकुल थे।
राष्ट्रपति ने कहा, हमारे द्वारा अपनाए गए संविधान की आधारशिला पर हमारे लोकतंत्र का भवन निर्मित हुआ है। हमने लोकतंत्र पर आधारित ऐसी संस्थाओं का निर्माण किया। जिससे लोकतांत्रिक कार्यशैली को मजबूती मिली। हमारे लिए हमारा संविधान और हमारा लोकतंत्र सर्वोपरि है। अतीत को देखते हुए, हमें देश के विभाजन से हुई पीड़ा को कदापि नहीं भूलना चाहिए। आज हमने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया। ये दिवस हमें भारतीय होने के गौरव का विशेष स्मरण कराते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा, इस साल हमें आतंकवाद का दंश झेलना पड़ा। जम्मू-कश्मीर घूमने गए लोगों को आतंकवाद का निशाना बनाया गया। लेकिन इसका जवाब दिया गया। ऑपरेशन सिंदूर चलाकर यह दिखा दिया गया कि भारत पर जब संकट आता है तो वह चुप नहीं बैठ सकता। भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। विश्व समुदाय ने भी भारत की इस नीति का संज्ञान लिया है कि हम अपने लोगों की रक्षा के लिए संकोच नहीं करेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा, डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में भारत, कम समय में ही, विश्व का अग्रणी देश बन गया है। इसे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर को बढ़ावा मिल रहा है। सरकार ने देश की एआई क्षमताओं को मजबूत करने के लिए भारत- एआई मिशन शुरू किया है। इसके तहत विशिष्ट आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए मॉडल विकसित किए जाएंगे। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि हम सबको संकल्प लेना है कि हम अपने देश में बने उत्पादों को खरीदेंगे और उनका उपयोग करेंगे।