
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में कल दोपहर बादल फटने से कम से कम 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। कई लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश जारी है। घटना पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई लोगों ने शोक जताया है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल समेत कई एजेंसियां बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
आइए घटना से जुड़ी हर बात जानते हैं।
राहतकर्मियों ने कम से कम 65 लोगों को बाहर निकाला है। इसके अलावा अभी भी कई लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने का काम जारी है। बादल फटने के बाद मचैल यात्रा रोक दी गई है। प्रशासन ने जम्मू से रवाना हो चुके लोगों से लौटने की अपील की। वहीं, करीब 120 लोग घायल हैं, जिनमें से 37 की हालत गंभीर है। घायलों को अठोली अस्पताल लाया गया है। 200 से ज्यादा लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, हम स्थिति पर कड़ी निगरानी रखे हुए हैं और हर परिस्थिति में जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ मजबूती से खड़े हैं। जरूरतमंदों को हर संभव मदद दी जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मेरी संवेदनाएं किश्तवाड़ में प्रभावित सभी लोगों के साथ हैं। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, किश्तवाड़ में त्रासदी को देखते हुए मैंने चाय पार्टी रद्द कर दी है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी घटना पर दुख जताया है।
हादसे के वक्त हजारों श्रद्धालु मचैल माता यात्रा के लिए चशोटी गांव में थे। यह यात्रा का पहला पड़ाव है। इसी के ठीक ऊपर बादल फट गया। इस वजह से श्रद्धालुओं की बसें, टेंट, लंगर और कई दुकानें बह गईं। बता दें कि जम्मू और कश्मीर में जम्मू क्षेत्र के मचैल गांव में स्थित दुर्गा माता का एक मंदिर है। इस मंदिर को मचैल माता मंदिर के नाम से जाना जाता है।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, मैंने अभी-अभी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात की और उन्हें जम्मू के किश्तवाड़ क्षेत्र की स्थिति से अवगत कराया. खबर गंभीर और सटीक है, बादल फटने से प्रभावित क्षेत्र से वेरिफाइड जानकारी आने में देरी हो रही है. बचाव कार्यों के प्रबंधन के लिए जम्मू-कश्मीर के भीतर और बाहर से सभी संभव संसाधन जुटाए जा रहे हैं…
किश्तवाड़ में अभी भी मौसम खराब है। बादल फटने और बाढ़ के चलते प्रशासन ने सभी एजेंसियों को सक्रिय कर दिया है। आपात स्थिति से निपटने के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं। वहीं, राहत और बचाव कार्य में भारतीय सेना भी जुटी है। सेना के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि चिसोटी गांव में बादल फटने से प्रभावित क्षेत्र में सेना राहत और बचाव में जुटी है। प्रभावित लोगों को राहत सामग्री और बचाव उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं।
बता दें कि इससे पहले 5 अगस्त को उत्तराखंड के धराली गांव में बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई थी। इसमें लगभग पूरा गांव ही मलबे की चपेट में आ गया था। आधिकारिक तौर पर 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई थी, लेकिन अभी भी 60 से ज्यादा लोग लापता हैं। आशंका है कि ये मलबे में दबकर मारे गए हैं। सरकार ने प्रभावितों को 5 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है।