
- नाथनगर ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम गोरयाघाट में सीसी रोड निर्माण के नाम पर बड़ा खेल।
- वीरान पड़ा पंचायत भवन, लाखों के बजट से बना अंत्येष्टि स्थल निष्प्रयोज्य, बना आवारा पशुओं का अड्डा।
✍️ के. के. मिश्रा, संवाददाता।
संत कबीर नगर। नाथनगर विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत गोरयाघाट में लाखों रुपए के विकास घोटाले का मामला सोशल ऑडिट के दौरान उजागर हुआ है। जहां एक ओर जिला और ब्लॉक मुख्यालयों पर बैठे अधिकारी कागजों में गांव की सूरत संवारने का दावा करते हैं, वहीं ग्राम पंचायत स्तर पर जिम्मेदारों ने विकास कार्यों के नाम पर लाखों रुपए का दुरुपयोग कर डाला।
ग्राम पंचायत में लगभग छह माह पूर्व निर्मित एक सीसी रोड भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। बंधे से राम वृक्ष राय के घर तक बनी इस सड़क की गिट्टियां अब उखड़कर बाहर आ रही हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि मनरेगा के तहत बनी इस सड़क की ढलाई सिर्फ खानापूर्ति थी।
गांव का पंचायत भवन भी वीरान पड़ा है। बिना गेट के बनी बाउंड्री वॉल वाले इस भवन से कंप्यूटर, सीसीटीवी कैमरे, कुर्सियां, आलमारी और इनवर्टर सब गायब हैं। पंचायत सहायक राजू कुमार ने बताया कि कंप्यूटर किसी अन्य जगह की दुकान पर रखा है, वहीं से भुगतान किया जाता है।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि लगभग दो वर्ष पूर्व लाखों रुपए की लागत से निर्मित अंत्येष्टि स्थल पर आज तक किसी शव का दाह संस्कार नहीं हुआ। अब यह स्थल आवारा पशुओं का अड्डा बन चुका है। सवाल उठता है कि जब यहां दाह संस्कार होना ही नहीं था, तो फिर लाखों रुपए आखिर क्यों खर्च किए गए?
गांव की टूटी नालियां, जगह-जगह फैला गंदा पानी और अधूरे विकास कार्य भ्रष्टाचार और कुव्यवस्था की गवाही दे रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारियों से अब उन्हें किसी सुधार की उम्मीद भी नहीं बची।
इस मामले में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) जयकेश त्रिपाठी ने कहा कि पंचायत भवन का संचालन न होना गंभीर मामला है। विकास कार्यों का भौतिक सत्यापन कराया जाएगा और अनियमितता पाए जाने पर संबंधितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अब देखना है कि जांच के बाद भ्रष्टाचार में लिप्त प्रधान और सचिव पर कोई ठोस कार्रवाई होती है या मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।