
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश सरकार ने स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग को उत्तर प्रदेश सरकार के सेवारत विभाग में शामिल करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इस फैसले से विभाग की कार्यकुशलता और जनसुविधा में सुधार होने की उम्मीद जताई जा रही है।
स्टाम्प एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने बताया कि स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग प्रदेश का एक महत्वपूर्ण विभाग है। यह विभाग हर वर्ष लगभग 40 लाख विलेखों का पंजीकरण करता है और इसके माध्यम से दो करोड़ से अधिक लोग प्रत्यक्ष रूप से सेवाएँ प्राप्त करते हैं। उन्होंने कहा कि विभाग न केवल राज्य सरकार को महत्वपूर्ण राजस्व प्रदान करता है बल्कि शासन की सामान्य कार्यप्रणाली का भी अभिन्न हिस्सा है।
जायसवाल ने स्पष्ट किया कि विभाग किसी प्रकार की वाणिज्यिक गतिविधि नहीं करता, बल्कि यह सरकार का संवैधानिक दायित्व निभाता है। सेवारत विभाग का दर्जा मिलने से विभागीय कार्यालयों के लिए सरकार द्वारा अन्य सेवा विभागों की भांति निःशुल्क भूमि उपलब्ध कराई जा सकेगी। इससे निजी भवनों के किराये पर होने वाले व्यय में कमी आएगी और जनता को पंजीकरण सेवाएँ अधिक सुलभ वातावरण में मिलेंगी।उन्होंने यह भी कहा कि इस निर्णय से विभाग की कार्यकुशलता बढ़ेगी, जनसामान्य को बेहतर सुविधाएँ प्राप्त होंगी और शासन की प्रणाली और मजबूत होगी।
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