
लखनऊ/जालौन। उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान, लखनऊ (संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश) तथा जिला प्रशासन जालौन के संयुक्त तत्वावधान में उरई के टाउन हॉल स्थित मुक्ताकाशी मंच पर दो दिवसीय ‘महिला आल्हा गायन महोत्सव’ का आयोजन बड़ी धूमधाम और उत्साह के साथ हुआ। महोत्सव में बुंदेलखंड की लोक परंपरा को समर्पित आल्हा गायन की सुंदर प्रस्तुतियाँ महिलाओं द्वारा प्रस्तुत की जा रही हैं, जिससे क्षेत्रीय संस्कृति को नई ऊर्जा और पहचान मिल रही है।
महोत्सव का उद्घाटन 6 सितम्बर 2025 को दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उरई सदर से माननीय विधायक श्री गौरी शंकर वर्मा, माधौगढ़ से माननीय विधायक श्री मूल चन्द्र निरंजन, कालपी से माननीय विधायक श्री विनोद चतुर्वेदी तथा भाजपा जिलाध्यक्ष श्रीमती उर्विजा दीक्षित उपस्थित रहीं। उन्होंने महिला कलाकारों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि लोक संस्कृति के संरक्षण में महिलाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
उद्घाटन दिवस पर शीलू सिंह (रायबरेली), नेहा सिंह (रायबरेली), प्रतीक्षा यादव (महोबा) और अलका बाजपेयी (रायबरेली) ने अपनी मधुर और प्रभावशाली आल्हा प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी गायकी ने मंच पर एक उत्सवी वातावरण का निर्माण किया और लोक परंपरा के सौंदर्य को दर्शकों तक पहुँचाया।
महोत्सव का समापन 7 सितम्बर 2025 को होगा, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में विधान परिषद की सदस्य रमा निरंजन तथा जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. घनश्याम अनुरागी उपस्थित रहेंगे। समापन दिवस पर संजना (महोबा), शालिनी यादव (उन्नाव), अंजलि सिंह उर्फ काजल सिंह (रायबरेली) और जानकी देवी (रायबरेली) की प्रस्तुतियाँ लोक संस्कृति के इस महाकुंभ को और अधिक जीवंत बनाएँगी।
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि आल्हा गायन बुंदेलखंड और उत्तर प्रदेश की अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर है। महिलाओं की सक्रिय भागीदारी इस परंपरा को न केवल नया स्वर प्रदान कर रही है, बल्कि इसे नई पीढ़ी तक पहुँचाने में भी सहायक सिद्ध हो रही है। यह आयोजन महिला कलाकारों को एक मंच देने के साथ-साथ लोक संस्कृति के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
इस अवसर पर लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान, लखनऊ के निदेशक अतुल द्विवेदी, जिलाधिकारी जालौन श्री राजेश कुमार पाण्डेय, पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार, अपर जिलाधिकारी श्री संजय कुमार, एडीएम नमामि गंगे प्रेमचंद मौर्य, नगर मजिस्ट्रेट राजेश कुमार वर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने महिला कलाकारों के योगदान को सराहा और लोक कला को प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।
दो दिवसीय यह महोत्सव न केवल कला प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना है, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक जागरूकता का भी महत्वपूर्ण मंच साबित हो रहा है। आयोजकों ने कहा कि भविष्य में ऐसे कार्यक्रमों से स्थानीय प्रतिभाओं को और अधिक प्रोत्साहन मिलेगा तथा उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने का मार्ग प्रशस्त होगा।