
लखनऊ। प्रदेश सरकार किसानों की आय में वृद्धि और स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित कर रही है। उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में ऐसे अनुपूरक व्यवसायों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिनमें कम भूमि और कम पूंजी की आवश्यकता होती है।
मधुमक्खी पालन इन्हीं व्यवसायों में शामिल है, जिससे किसान कम समय और कम लागत में अधिक आय अर्जित कर सकते हैं। मधुमक्खियाँ न केवल शहद उत्पादन में सहायक हैं, बल्कि पर-परागण से फसल उत्पादन क्षमता बढ़ाने और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। प्रदेश सरकार इस क्षेत्र में किसानों को प्रेरित करने के साथ-साथ मधुमक्खी पालन हेतु 40 प्रतिशत तक अनुदान भी प्रदान कर रही है।
उद्यान मंत्री ने बताया कि मधुमक्खी पालन से औद्यानिकी में स्वरोजगार का विस्तार होगा और इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक सशक्तिकरण को नई दिशा मिलेगी। किसानों को इस क्षेत्र में वैज्ञानिक ढंग से प्रशिक्षित करने के लिए औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र सहारनपुर और बस्ती तथा राजकीय उद्यान प्रयागराज में 16 सितम्बर से 15 दिसम्बर, 2025 तक तीन माह का निःशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसमें पुरुष और महिलाएँ, सभी वर्ग के इच्छुक अभ्यर्थी भाग ले सकते हैं। प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता कक्षा आठ उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशक डॉ. भानु प्रकाश राम ने बताया कि प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए इच्छुक अभ्यर्थी अपने निकटतम केन्द्र – संयुक्त निदेशक, औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र सहारनपुर/बस्ती अथवा अधीक्षक, राजकीय उद्यान प्रयागराज से संपर्क कर निर्धारित आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते हैं। आवेदन के साथ दो सभ्रांत व्यक्तियों या किसी राजपत्रित अधिकारी द्वारा प्रदत्त चरित्र प्रमाण पत्र भी आवश्यक होगा। आवेदन की अंतिम तिथि 16 सितम्बर 2025 निर्धारित की गई है। प्रशिक्षणार्थियों को ठहरने और भोजन की व्यवस्था स्वयं करनी होगी।
श्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि मधुमक्खी पालन ऐसा व्यवसाय है, जो किसानों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाकर उनकी आय में वृद्धि करेगा। मुख्यमंत्री जी की पहल से किसान वैज्ञानिक तरीके से प्रशिक्षण प्राप्त कर आधुनिक तकनीकों के साथ शहद उत्पादन और परागण कार्य में दक्ष होंगे। इससे न केवल उनकी आय में इजाफा होगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। प्रदेश सरकार इस क्षेत्र में प्रशिक्षण, अनुदान और जागरूकता अभियान के माध्यम से युवाओं और किसानों को स्वरोजगार की ओर अग्रसर कर रही है।
इस पहल से सहारनपुर, बस्ती और प्रयागराज जिलों के किसानों व युवाओं को लाभ मिलेगा, साथ ही मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में नए उद्यम शुरू करने का मार्ग भी प्रशस्त होगा। प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि किसान पारंपरिक कृषि के साथ-साथ ऐसे व्यवसाय अपनाएँ, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो और वे आत्मनिर्भर बनें।