
•शहर के 50 से अधिक स्थलों पर 107 एकड़ क्षेत्र में छिड़काव कर डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया से बचाव की पहल।
लखनऊ। मच्छरजनित बीमारियों से शहरवासियों को सुरक्षित रखने के लिए नगर निगम लखनऊ ने विशेष अभियान छेड़ा है। इसके तहत कई दिनों से निरंतर चल रहे एंटी लार्वा छिड़काव में आधुनिक तकनीक के रूप में ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे उन स्थानों तक भी उपचार पहुंच रहा है जहां पारंपरिक तरीकों से पहुंचना कठिन था। नगर निगम का मानना है कि ड्रोन तकनीक छिड़काव की गति और प्रभावशीलता दोनों बढ़ा रही है।
नगर आयुक्त गौरव कुमार के निर्देश पर जोनल सेनेटरी ऑफिसरों द्वारा माइक्रो प्लान तैयार कर विभिन्न क्षेत्रों का चयन कर छिड़काव कराया जा रहा है। अब तक 50 स्थलों पर करीब 107 एकड़ क्षेत्र में ड्रोन द्वारा एंटी लार्वा का छिड़काव कर मच्छरों के प्रजनन स्थलों को नियंत्रित किया जा चुका है। नगर निगम का कहना है कि यह अभियान डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
शहर के कई इलाकों में छिड़काव का कार्य पूरा किया गया है। इनमें नंदा खेड़ा, मोती झील, पी.एम.टी. ग्राउंड, दरियापुर देवा कॉलोनी, बटलर पैलेस, जानकीपुरम वार्ड-3 के अंतर्गत रसूलपुर, अहंजर, मिर्जापुर, गुडम्बा, मिसरीपुर तथा वार्ड-2 के गुरियानपुरवा, गार्डन-2, अटल बिहारी वाजपेयी, पैरामाउंट, वार्ड-1 के मड़ियागांव, सरिया, मड़ियाटोला शामिल हैं।
इसके अलावा फैज़ुल्लागंज मामा कॉलोनी-1 व 2, इंद्रप्रस्थ-1 व 2, सरस्वती डेंटल कॉलेज क्षेत्र, आदर्श नगर मटियारी, हिम सिटी देवा रोड, गणेशपुर, तकरोही इंदिरा नगर, कमता, अमराई गांव, कंचनपुर मटियारी, हनुमान मंदिर मटियारी, हरदासी खेड़ा, मायावती इंदिरा नगर, सुगमऊ रोड, जरहारा गांव, अवध विहार, शमा विहार, विजय नगर, विराज खंड और लौलाई जैसे क्षेत्रों में भी छिड़काव किया गया है।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी पीके श्रीवास्तव ने बताया कि ड्रोन से छिड़काव से तालाबों, जलभराव वाले इलाकों और कठिन स्थानों तक आसानी से पहुंच बन रही है। इससे छिड़काव की गुणवत्ता और प्रभावशीलता में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि अभियान की निगरानी निरंतर की जा रही है और आवश्यकता पड़ने पर दोबारा छिड़काव कराया जाएगा।
नगर आयुक्त गौरव कुमार ने कहा कि नगर निगम की प्राथमिकता नागरिकों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण देना है। मच्छरों के प्रजनन स्थलों पर समय रहते उपचार कर मच्छरों की संख्या नियंत्रित रखने का प्रयास किया जा रहा है ताकि लोगों को बीमारियों से बचाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि अभियान आगे भी जारी रहेगा और जलभराव वाले संवेदनशील इलाकों में विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि शहरवासियों को राहत मिल सके।