
लखनऊ। नगर निगम लखनऊ द्वारा संचालित सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति में सुधार और जनता को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए गुरुवार को महापौर सुषमा खर्कवाल ने औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कई शौचालयों में गंदगी, खराब साफ-सफाई और मूलभूत सुविधाओं के अभाव पाए जाने पर महापौर ने संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को कड़ी फटकार लगाई और तत्काल सुधार के निर्देश दिए।
महापौर सबसे पहले दया निधि पार्क के समीप स्थित सार्वजनिक शौचालय का निरीक्षण करने पहुंचीं। यहां उन्हें साफ-सफाई की बेहद खराब स्थिति मिली। परिसर में सफाई का कोई सामान उपलब्ध नहीं था और दुर्गंध फैली हुई थी। महापौर ने अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी कि जनता की सुविधा के लिए बनाए गए शौचालयों में इस प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इसके बाद महापौर जीपीओ स्थित सार्वजनिक शौचालय का निरीक्षण करने पहुंचीं। यहां भी स्थिति गंभीर मिली। महिला शौचालय में लगी सेनेटरी पैड डिस्ट्रॉय मशीन लंबे समय से खराब पड़ी थी, जबकि नए पैड उपलब्ध कराने वाली मशीन खाली पाई गई। परिसर में गंदगी होने के कारण महिलाओं को भारी असुविधा हो रही थी।
महापौर ने इसे शर्मनाक बताते हुए अधिकारियों और कर्मचारियों को कड़े निर्देश दिए कि ऐसी स्थिति भविष्य में दोबारा न हो।
महापौर ने नगर आयुक्त गौरव कुमार को निर्देश दिए कि लखनऊ के सभी सार्वजनिक शौचालयों की नियमित साफ-सफाई, मॉनिटरिंग और आवश्यक सुधार सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने कहा कि नगर निगम द्वारा संचालित शौचालयों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके अलावा, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दया निधि पार्क और जीपीओ शौचालय के रखरखाव में असफल रहने वाले ठेकेदार और संबंधित कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त गौरव कुमार, अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार गुप्त, डॉ. अरविंद कुमार राव समेत नगर निगम के अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे। महापौर ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर सार्वजनिक शौचालय में सफाई कर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित हो, सेनेटरी मशीनों और अन्य आवश्यक सुविधाओं की समय-समय पर जांच हो, और जनता से आने वाली शिकायतों का त्वरित समाधान किया जाए।महापौर ने यह भी जोर देकर कहा कि स्वच्छता केवल दिखावा नहीं, बल्कि यह जनता की सुविधा और स्वास्थ्य सुरक्षा का अहम हिस्सा है।
उन्होंने नगर निगम को निर्देशित किया कि शहर के सभी सार्वजनिक शौचालयों को जनता की सुविधा के अनुरूप बनाए रखा जाए और किसी भी स्तर पर ढिलाई स्वीकार नहीं की जाएगी।इस मौके पर महापौर ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि यदि भविष्य में कोई लापरवाही सामने आती है तो संबंधित कर्मचारियों और ठेकेदारों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह निरीक्षण नगर निगम की जिम्मेदारी और जनता के प्रति उत्तरदायित्व की पुष्टि करता है और शहर में स्वच्छता के स्तर को बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास किए जाएंगे।