
-सीओ मिल्कीपुर के नेतृत्व में पुलिस टीम ने आरोपियों के घर दी दबिश।
-सात लोगों को लिया हिरासत मे, चार लोग गिरफ्तार कर भेजे गए न्यायालय।
मिल्कीपुर-अयोध्या। खंडासा थाना क्षेत्र स्थित रामनगर चौराहे पर कर सवार लोगों द्वारा दुकान में घुसकर व्यवसाई से असलहे के बल पर लूट एवं मारपीट किए जाने के मामले में आखिरकार तूल पकड़ लिया है। खंडासा पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ मारपीट एवं जानलेवा हमले सहित लूट की गंभीर आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
हालांकि पुलिस अधिकारियों ने मामला संज्ञान में आने के तुरंत बाद सी ओ मिल्कीपुर के नेतृत्व में ताबड़तोड़ छापेमारी करते हुए श्री राम जानकी महाविद्यालय के प्राचार्य अवधेश शुक्ला सहित 7 लोगों को हिरासत में लिया है।
बताते चलें कि रामनगर अमावा सूफी गांव निवासी अंशुमान शुक्ल पुत्र पारसनाथ ने पुलिस को दी गई तहरीर में आरोप लगाया था कि गांव के ही निवासी शिक्षा व भू माफिया श्री राम जानकी महाविद्यालय के प्राचार्य अवधेश शुक्ला ने 17 सितंबर को दिन में लगभग 11ः30 बजे अपने गुर्गों के साथ इनोवा कार रजिस्ट्रेशन नंबर यूपी 42 बी एस 0586 से लाठी डंडा से लैस होकर दुकान के अंदर घुस गए थे और अवधेश शुक्ला ने कनपटी पर पिस्टल लगाकर डंडा से मारना शुरू कर दिया था। इनके साथ उनके सहयोगी कालेज के कथित शिक्षक बाबू सिंह और इंद्रभान शुक्ला तथा अमन, शिवेंद्र पुत्र योगेंद्र शुक्ला ने भी जमकर मारा पीटा।
श्री चंद्र शुक्ला ने बताया मैं अंशुमान शुक्ला पुत्र पारसनाथ के दुकान पर घूमने गया था, तभी अचानक अवधेश शुक्ला के साथ उनके गुर्गों ने हमला कर दिया। वहीं बीच बचाव करने में दुकान मालिक को भी पीटा।
दुकानदार अंशुमन शुक्ला ने थाना खंडासा पर प्रार्थना पत्र देकर बताया कि दुकान के अंदर घुसकर मारपीट कर रहे थे जब हमने बीच बचाव करने का प्रयास किया तो पिस्टल कनपटी पर सटाकर दुकान में रखे नकदी भी लूट ले गए। इसी बीच अपनी मां की दवा लेने पहुंचे राहुल शुक्ला पुत्र संतोष कुमार को दुकान पर दौड़ा कर मारा पीटा। वह किसी तरह से जान बचाकर वहां से भाग खड़ा हुआ था।
राहुल शुक्ला ने बताया था कि थाने लिखित प्रार्थना पत्र दे दिया है। घटना के बाद से रामनगर चौराहे पर ग्रामीणों में भय और दहशत का माहौल बना हुआ है। वहीं घटना के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण और दुकानदार घटना स्थल पर पहुँच गए और जल्द ही प्रशासनिक कारवाई की मांग करने लगे थे।
जानकारी मिलते ही भारी संख्या में पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई थी। घटना स्थल पर टूटे हुए डन्डे और खून की छीटे घटना की चीख चीख कर गवाही दे रहे थे। कुर्सी भी टूटी हुई है। दुकानदारों ने घटना की निंदा करते है जल्द ही दोषी लोगों पर कारवाई की मांग की थी। इन्हीं दबंगों ने दो दिन पहले होटल पर बैठे अमावा सूफी निवासी देव नरायण शुक्ल और विजय तिवारी को होटल से उठा कर अपने कालेज के अन्दर ले जाकर लाठियां बरसाई थी और दोनों गांव छोड़ कर फरार हो गए हैं। जिसकी तहरीर पुलिस को पहले ही मिल चुकी है।
वहीं पीड़ित पक्ष ने स्थानीय पुलिस पर आरोपी से मिलीभगत का आरोप भी लगाया है। हालांकि मामला पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद पूरी तरह से गरमा गया। बीते 17/18 सितंबर की रात क्षेत्राधिकारी श्रीयश त्रिपाठी के नेतृत्व में गठित कई पुलिस टीमों ने रामनगर स्थित अवधेश शुक्ला सहित आरोपियों के संभावित ठिकानों पर छापेमारी की। जहां पुलिस को सफलता भी मिली और सात लोगों शिवेंद्र, अमन, गोविंद, महेश, संतोष, भगवती व सूर्यभान को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ में जुटी है।
घटना के दूसरे दिन गांव में व्याप्त तनाव को लेकर एक दरोगा के साथ थाने के सिपाहियों की तैनाती कर दी गई है। उधर जिले से पुलिस विभाग की फोरेंसिक टीम भी पहुंच गई जो घटना स्थल से सीसीटीवी फुटेज सहित अन्य साक्ष्य एकत्र करने में जुटी है।