
लखनऊ। उत्तर प्रदेश ने राज्यभर में विश्व पर्यटन दिवस 2025 बड़े उत्साह के साथ मनाया, जिसमें शहर और गांव के लोग ‘पर्यटन और सतत परिवर्तन’ की थीम के तहत एकजुट हुए। इस अवसर पर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने आगरा में उच्चीकृत क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय के पर्यटन सूचना केंद्र का उद्घाटन किया। तत्पश्चात छात्रों के समूहों को इको, हेरिटेज और आध्यात्मिक पर्यटन के लिए रवाना किया गया।
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा में पर्यटन हमेशा ही एक महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सतत परिवर्तन की दिशा में पर्यटन को समावेशी और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार बनाना आवश्यक है। आगरा में आयोजित समारोह में राज्यभर से आए छात्र, सांस्कृतिक प्रतिनिधि और पर्यटन हितधारक उपस्थित रहे। क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय का उद्घाटन स्थानीय समुदायों और आगंतुकों के लिए बेहतर सेवाओं की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा संचालित मान्यवर कांशीराम प्रबंधन संस्थान (एमकेआईटीएम), लखनऊ में भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि प्रमुख सचिव पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य अमृत अभिजात की गरिमामय उपस्थिति रही, जबकि विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया ने छात्रों का उत्साहवर्धन किया।
प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा कि पर्यटन केवल मनोरंजन या भ्रमण तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह संस्कृतियों के मेल, पर्यावरण संरक्षण, स्थानीय समुदायों के आर्थिक उत्थान और सांस्कृतिक धरोहर के संवर्द्धन का महत्वपूर्ण माध्यम बन चुका है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री फेलोशिप विजेता ज्योति तिवारी (बलरामपुर), आदित्य त्यागी (मुज़फ्फरनगर) और अभिलाष गुप्ता (सीतापुर) को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। एमकेआईटीएम के छात्रों ने गणेश वंदना, लोक और शास्त्रीय नृत्य, जन्माष्टमी और दुर्गा पूजा पर आधारित प्रस्तुतियों, साथ ही पर्यटन आधारित नुक्कड़ नाटक से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। प्रदर्शनी के माध्यम से छात्रों ने राज्य की समृद्ध विरासत और परंपराओं को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया।
46वें विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर ग्रामीण पर्यटन पर आधारित कार्यक्रम भी प्रदेश के विभिन्न जिलों में आयोजित किए गए। अयोध्या, गोंडा के वजीरगंज, रायबरेली के गौरा खसपरी, सीतापुर, लखनऊ के काकोरी दशहरी, हरदोई, लखीमपुर खीरी, उन्नाव, बस्ती, गोरखपुर और अमेठी सहित अन्य जिलों में बच्चों द्वारा चित्रकारी, पौधरोपण, नृत्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हुईं। कई जिलों में हेरिटेज वॉक, निबंध लेखन, प्रभात फेरी और स्थानीय व्यंजनों पर चर्चा भी आयोजित की गई। इन आयोजनों में पर्यटन अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी रही और बच्चों को पुरस्कार भी वितरित किए गए।
उन्नाव में उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति-2022 और विश्व पर्यटन दिवस की थीम पर परिचर्चा हुई। होमस्टे मालिकों के साथ विचार-विमर्श और प्रशिक्षित प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। कन्नौज में हस्तशिल्प स्टॉल, लोक संगीत और एग्रो-टूरिज्म स्थल का भ्रमण कराया गया। गोरखपुर मंडल में हाल ही में पंजीकृत संपत्तियों को निवेश मित्र के तहत एग्रो-प्रॉपर्टी प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।
यूपी इको-टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड ने छात्रों के लिए विशेष एक-दिवसीय शैक्षिक पर्यटन कार्यक्रम आयोजित किए, जिनमें लखनऊ और कानपुर के विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों को चिड़ियाघर और रिज़र्व फ़ॉरेस्ट का शैक्षिक भ्रमण कराया गया। इसमें नवाबगंज पक्षी विहार, लाख बहोसी पक्षी विहार और कुकरैल रिज़र्व फ़ॉरेस्ट शामिल थे। छात्रों ने इस अनुभव के माध्यम से इको और वन्यजीव पर्यटन के महत्व को समझा और पर्यटन संवर्धन के प्रति जागरूक हुए।
इस प्रकार उत्तर प्रदेश में विश्व पर्यटन दिवस-2025 ने युवाओं, ग्रामीणों और स्थानीय समुदायों को पर्यटन के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ राज्य की सांस्कृतिक, पारिस्थितिक और आर्थिक संभावनाओं को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।