लखनऊ। राजधानी लखनऊ में ऑनलाइन गेमिंग की लत और साइबर फ्रॉड ने एक परिवार को गहरा जख्म दे दिया। मोहनलालगंज क्षेत्र में 14 वर्षीय किशोर ने फ्री फायर मैक्स गेम खेलते-खेलते धोखाधड़ी का शिकार होकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले का खुलासा पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ की मोहनलालगंज थाना पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने किया है। पुलिस ने झारखंड से एक शातिर अभियुक्त को गिरफ्तार किया है, जिसने किशोर को अपने जाल में फंसाकर करीब 13 लाख रुपये की ठगी की थी।
घटना 15 सितंबर की है जब ग्राम धनुवासांड निवासी किशोर यश कुमार ने आत्महत्या कर ली। पिता सुरेश कुमार ने बैंक खाते में संदिग्ध लेन-देन देखकर पुलिस से शिकायत की। जांच में सामने आया कि किशोर लंबे समय से ऑनलाइन गेमिंग में फंसा हुआ था और अभियुक्तों ने उससे लगातार संपर्क बनाकर धोखाधड़ी की। आरोपितों ने ईमेल आईडी और पासवर्ड तक हासिल कर लिए थे। किशोर पर लगातार मानसिक दबाव बनाया गया और जब उसने पैसे वापस मांगे तो उसे धमकाया गया। घटना के बाद अभियुक्त ने पीड़ित का मोबाइल फॉर्मेट कर सबूत मिटाने की भी कोशिश की थी।
पुलिस ने तकनीकी जांच के आधार पर झारखंड के पूर्वी सिंहभूम से अभियुक्त सनत गोराई को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह फ्री फायर मैक्स गेम के जरिए बच्चों और किशोरों से दोस्ती कर उन्हें गेमिंग आईडी व विशेष सुविधाओं का लालच देता था। इस बहाने वह उनसे पैसे मंगवाता और ठगी करने के बाद अकाउंट बंद कर देता। गिरफ्तार अभियुक्त से 4 लाख 71 हजार रुपये नकद, एक एप्पल लैपटॉप, 1.5 लाख रुपये विभिन्न वॉलेट्स में फ्रीज, मोबाइल फोन, चार एटीएम कार्ड, पैन कार्ड और आधार कार्ड बरामद किए गए हैं।
इस घटना ने न केवल साइबर अपराध की गंभीरता को उजागर किया है बल्कि यह भी स्पष्ट किया है कि ऑनलाइन गेमिंग की लत बच्चों के जीवन पर कितना खतरनाक असर डाल सकती है। पुलिस ने अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चों को इस लत से बचाएँ, उनकी ऑनलाइन गतिविधियों पर कड़ी नजर रखें और किसी भी संदिग्ध लेन-देन की तुरंत सूचना साइबर हेल्पलाइन 1930 या स्थानीय पुलिस को दें।
साइबर सेल ने स्पष्ट किया है कि अब समय आ गया है जब माता-पिता अपने बच्चों के मोबाइल में पैरेंटल कंट्रोल जैसे फीचर सक्रिय करें, गेमिंग ऐप्स को ब्लॉक या सीमित करें और डिजिटल सुरक्षा के प्रति सजग रहें। यह मामला समाज के लिए एक गम्भीर चेतावनी है कि डिजिटल दुनिया में लापरवाही बच्चों के जीवन के लिए घातक साबित हो सकती है।
