
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर लोकतंत्र की हत्या और संविधान की मूल भावना पर प्रहार करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार अपने तानाशाही रवैये से जनप्रतिनिधियों और विपक्ष के कार्यों में बाधा डाल रही है।
उन्होंने भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि विपक्षी दलों और समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडलों को जगह-जगह रोकना, नेताओं को उनके घरों में बंद रखना और जनहित के मुद्दों पर जांच-पड़ताल करने से रोकना पूरी तरह अलोकतांत्रिक है।
अखिलेश यादव ने उल्लेख किया कि हाल ही में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन के नेतृत्व में बरेली जा रहे प्रतिनिधिमंडल को रोका गया था। इस प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य बरेली में शांति बहाली के प्रयास करना था और जिलाधिकारी द्वारा निषेधाज्ञा का हवाला देकर इसे रोका गया। पुलिस ने प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्यों को उनके घरों में पाबंद कर दिया, जिसमें सांसद, पूर्व सांसद, विधायक और अन्य वरिष्ठ पार्टी नेता शामिल थे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार अपने काले कारनामों और नाकामी को छुपाने के लिए यह सब कर रही है। उन्होंने आगरा में 26 सितम्बर 2025 को जुमे की नमाज के बाद हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि निर्दोषों की धरपकड़ और कई मकानों-दुकानों पर बुलडोजर चलाना विपक्ष और जनता की आवाज को दबाने की साजिश है।
अखिलेश यादव ने चेतावनी दी कि भाजपा का दमन और अत्याचार जनता पर टिकने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय) पूरी तरह जाग चुका है और जनता भाजपा सरकार के कुशासन, लूट और भ्रष्टाचार को भलीभांति जान चुकी है।
उन्होंने भरोसा जताया कि सन् 2027 के चुनावों में भाजपा की दमनकारी और अहंकारी सरकार का सूपड़ा साफ होना तय है और अलोकतांत्रिक, जनविरोधी सरकार के दिन अब गिने-चुने रह गए हैं।अखिलेश यादव ने कहा कि लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए समाजवादी पार्टी पूरी तरह सतर्क और प्रतिबद्ध है और जनता के साथ मिलकर भाजपा के अन्याय और अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद करेगी।