
•कांशीराम को परिनिर्वाण दिवस पर किया नमन्ः योगदान पर चर्चा।
बस्ती। बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम को उनके परिनिर्वाण दिवस पर आवास विकास कालोनी में भारत मुक्ति मोर्चा के जिलाध्यक्ष आर.के. आरतियन के संयोजन में याद किया गया।
आर.के. आरतियन ने कहा कि कांशीराम ने अपने संघर्ष से दलित वंचितों को फर्श से अर्श तक पहुंचाया। उनके विचारों पर चलकर बहुजन समाज का संकल्प साकार होगा। कहा कि कांशीराम राजनीति से अधिक दलितों के उत्थान के लिए जाने जाते थे। क्योंकि उन्होंने खुद अस्पृश्यता, जातिवाद और भेदभाव झेला था। ऐसे में दलितों को उनका हक दिलाने के लिए कांशीराम ने लड़ाई लड़ने का प्रण लिया और उसमें सफल भी रहे। उन्होंने राजनीति में खुद कभी कोई पद नहीं लिया। कहा कि वे दलितों, वंचितों, उपेक्षित समाज की आवाज थे। बामसेफ की स्थापना करके उन्होने राजनीति को नई दिशा दिया।
बहुजन मुक्ति पार्टी प्रदेश उपाध्यक्ष आर. के. गौतम ने अपने निजी आवास पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि कांशीराम ने अपना पूरा जीवन दलितों के लिए समर्पित कर दिया था। उन्होंने सादगी अपनाते हुए खुद को परिवार से पूरी तरह से अलग कर लिया था।
हालांकि कांशीराम को हमेशा बसपा सुप्रीमो कहा जाता था। लेकिन वास्तव में वह जमीनी कार्यकर्ता थे और हमेशा लोगों को अपने आंदोलन में जोड़ने का प्रयास करते थे।
बहुजन मुक्ति पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य चंद्रिका प्रसाद, मण्डल अध्यक्ष हृदयराम गौतम, भारतीय विद्यार्थी छात्रा प्रकोष्ठ की नीलू निगम ने कहा कि कांशीराम 20वीं सदी के अंतिम दशक में वह भारतीय राष्ट्रीय राजनीति के परिदृश्य में चमकता हुआ सितारा बन गए थे। उन्होने दलित राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान बनाया था। वे राजनीति से अधिक दलितों के उत्थान के लिए जाने जाते थे। उनका योगदान सदैव याद किया जायेगा।
कार्यक्रम में रामसुमेर यादव, सरिता भारती, दीपक कुमार आर्य, सुनील यादव, विनय कुमार, अनिल कुमार, सत्येन्द्र सहाय के साथ ही अनेक लोग उपस्थित रहे।