
न्यूयॉर्क। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नोबेल पुरस्कार के लिए खुलेआम दावा ठोक चुके हैं। लेकिन नोबेल समिति ने उनका यह सपना तोड़ दिया है। इस वर्ष का नोबेल शांति पुरस्कार मारिया कोरिना माचडो को दिया गया है।
नोबेल प्राइज का ऐलान नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में किया गया। इस बार इस प्राइज के लिए 338 उम्मीदवार थे। इन सब में अमेरिकी राष्ट्रपति का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में था। वे खुद कई बार नोबेल प्राइज को लेकर अपनी दावेदारी कर चुके थे। उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि उन्हें यह पुरस्कार मिलना चाहिए, क्योंकि उन्होंने भारत-पाकिस्तान समेत 7 युद्ध रुकवाए हैं। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ये सपना अब टूट चुका है। उनकी जगह मारिया कोरीना मचाडो को शांति पुरस्कार दिया गया है। मचाडो को यह पुरस्कार वेनेज़ुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए दिया गया है।
मारिया मचाडो वेनेजुएला की नेता प्रतिपक्ष हैं उन्होंने वहां पर लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और तानाशाही से लोकतंत्र की ओर अपने देश को ले जाने के लिए लगातार संघर्ष किया है। नोबेल प्राइज का ऐलान करते हुए कमेटी की तरफ से कहा गया कि हमने हमेशा से ही बहादुर लोगों का सम्मान किया है। ऐसे लोग जिन्होंने दमन के खिलाफ खड़े होकर आजादी की उम्मीद हमेशा रखी है। कमेटी ने कहा कि पिछले साल मचाडो को अपनी बचाने के लिए छिपकर रहना पड़ा था। इसके बाद भी उन्होंने अपने देश में ही रहना चुना था।
00