
नई दिल्ली। राजस्थान इंटेलिजेंस ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में अलवर निवासी एक युवक को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान गोविंदगढ़, अलवर निवासी मंगत सिंह के रूप में हुई है। उस पर शासकीय गोपनीयता अधिनियम, 1923 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जानकारी के अनुसार, मंगत सिंह पर ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही खुफिया एजेंसियों की नजर थी। अलवर का क्षेत्र सामरिक दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है, और इसी इलाके में निगरानी के दौरान उसकी गतिविधियां संदिग्ध पाई गईं।
हनीट्रैप में फंसाकर करवा रहा था जासूसी
जांच में सामने आया है कि मंगत सिंह को पाकिस्तानी महिला हैंडलर ईशा शर्मा ने सोशल मीडिया के माध्यम से हनीट्रैप में फंसा लिया था। उसने पैसे और उपहारों के लालच में आईएसआई को देश की सामरिक जानकारी भेजनी शुरू कर दी थी। बताया जा रहा है कि वह पिछले दो वर्षों से पाकिस्तानी एजेंटों के संपर्क में था।
सोशल मीडिया से साझा करता था गुप्त जानकारी
मंगत सिंह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए अलवर की छावनी क्षेत्र सहित देश के अन्य महत्वपूर्ण सैन्य और सामरिक स्थलों की सूचनाएं साझा कर रहा था। उसके मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच में कई संदिग्ध चैट और दस्तावेज मिलने की बात सामने आई है।
10 अक्टूबर को दर्ज हुआ मुकदमा
केंद्रीय पूछताछ केंद्र, जयपुर में विभिन्न खुफिया एजेंसियों द्वारा पूछताछ और डिजिटल सबूतों की जांच के बाद, 10 अक्टूबर 2025 को जयपुर स्थित स्पेशल पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद सीआईडी इंटेलिजेंस राजस्थान ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
राजस्थान इंटेलिजेंस के अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच जारी है। प्रारंभिक पूछताछ में मंगत सिंह ने स्वीकार किया है कि वह सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान की महिला एजेंट से संपर्क में था और पैसे के बदले संवेदनशील सूचनाएं साझा करता था।