
•माता-पिता ने शव लेने से किया इनकार।
मेरठ। मेरठ से सटे बहसूमा में मासूम बच्ची से दरिंदगी करने वाले 25 हजार के इनामी बदमाश शहजाद उर्फ निक्की की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार, कल पुलिस टीम सरूरपुर गांव के जंगल में जोड़ा प्याऊ ले जाने वाले रास्ते पर गश्त कर रही थी। इसी दौरान पुलिस ने बाइक सवार बदमाश को रोकने का इशारा किया तो उसने पिस्टल से पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। आत्मरक्षा में पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की। मुठभेड़ के दौरान पुलिसकर्मी की बुलेटप्रूफ जैकेट में एक गोली लगी, जिससे वह बाल-बाल बच गया। पुलिस ने घायल बदमाश को सीएचसी सरूरपुर पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मौके पर सीओ सरधना आशुतोष कुमार और फील्ड यूनिट ने पहुंचकर जांच पड़ताल की। पुलिस ने मृत बदमाश के पास से एक पिस्टल, कारतूस और बाइक बरामद की है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
परिजनों ने कहा कि हमें उसकी सूरत तक नहीं देखनी। उसकी वजह से हमें समाज और पुलिस दोनों के बीच बदनामी झेलनी पड़ी। वह तो हमारे लिए पहले ही मर चुका था। शहजाद के पिता रहीसुद्दीन उर्फ पप्पू मूल रूप से मोहम्मदपुर शकिस्त गांव के निवासी हैं और पिछले 14 वर्षों से बहसूमा में रह रहे हैं। मां नसीमा ने बताया कि बेटे ने 9 साल की उम्र में पहली चोरी की थी, जिसके बाद उन्होंने खुद पुलिस को सौंपा था। बावजूद इसके वह कभी नहीं सुधरा।
करीब 15 साल पहले मवी कलां (सरधना) की एक युवती से उसका निकाह हुआ था, लेकिन तीन माह बाद ही तलाक हो गया। परिवार ने उसे चल-अचल संपत्ति से बेदखल कर दिया था। नसीमा ने कहा ‘हमने अल्लाह से दुआ मांगी थी कि वह पुलिस के हवाले हो जाए, चाहे जिंदा या मुर्दा। आज उसकी मौत पर हमें कोई अफसोस नहीं है। वह हमारे लिए तो बहुत पहले ही मर गया था।’
परिवार का कहना है कि उन्होंने कभी भी उसके किसी अपराध की पैरवी नहीं की। वे आज भी अपनी उसी बात पर अडिग हैं कि वह उनके लिए ‘नाम का बेटा’ नहीं रहा।