
जोधपुर। जैसलमेर से जोधपुर जा रही एक निजी बस मंगलवार दोपहर को चलती-फिरती आग का गोला बन गई। इस दिल दहला देने वाले हादसे में तीन बच्चों और चार महिलाओं समेत करीब 15 यात्री जिंदा झुलस गए। आग लगते ही बस में मची चीख-पुकार के बीच यात्रियों ने खिड़कियां तोड़कर अपनी जान बचाई। गंभीर रूप से झुलसे यात्रियों को जोधपुर रेफर किया गया है।
जानकारी के अनुसार, यह भीषण हादसा दोपहर करीब 3:30 बजे जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर थईयात गांव के पास हुआ। 57 यात्रियों से भरी बस दोपहर 3 बजे जैसलमेर से जोधपुर के लिए रवाना हुई थी। सफर शुरू होने के महज 20 किलोमीटर बाद ही अचानक बस के पिछले हिस्से से धुआं उठने लगा और इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, आग की लपटों ने पूरी बस को अपनी चपेट में ले लिया।
आग लगते ही बस के अंदर अफरा-तफरी मच गई। अपनी जान बचाने के लिए यात्री खिड़कियों के शीशे तोड़कर बाहर कूदने लगे। इस दौरान कई यात्रियों के कपड़े और सामान भी जलकर खाक हो गए। सूचना मिलते ही आसपास के ग्रामीण और राहगीर मदद के लिए दौड़े और पुलिस व दमकल विभाग को सूचित किया।
मौके पर पहुंची दमकल की गाड़ियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक बस पूरी तरह जल चुकी थी। पुलिस के अनुसार, आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है, लेकिन शुरुआती तौर पर इंजन या वायरिंग में शॉर्ट सर्किट का अंदेशा जताया जा रहा है। हादसे में गंभीर रूप से झुलसे ओमाराम भील (30) को जोधपुर रेफर किया गया है, जबकि इमामत (30) और उनके बेटे यूनूस का भी जोधपुर के अस्पताल में इलाज चल रहा है।