
मुरादाबाद। जनपद के नगरीय क्षेत्र ठाकुरद्वारा, भोजपुर एवं ग्रामीण क्षेत्र बहेड़ी ब्रह्मनान, हिमाँयुपुर, धारकनंगला, डिलारी, कालाझांडा, वोवदवाला आदि में प्रकृति के प्रति कृतज्ञता एवं सम्मान का पर्व गोवर्धन पूजा श्रद्धापूर्वक मनाया गया। घरों में गाय के गोबर से पशुधन के रूप में गाय आदि के प्रतिरूप बनाकर विधि-विधान से पूजन किया गया। कृषक परिवारों में अपने प्रत्येक पशु के प्रतिरूप की पूजा अर्चना की गई।

शास्त्रों में गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है , जो सुख एवं समृद्धि प्रदान करती है । गोवर्धन पूजा के अवसर पर पशुओं को नहला कर सींगों एवं शरीर पर तेल लेपन कर सुसज्जित कर पूर्ण रूप से विश्राम दिलाया गया तथा गुड, चना, गेंहू का दलिया आदि के साथ पोष्टिक चारा आदि खिलाकर स्नेह के साथ दुलारा गया। वास्तव में यह पर्व प्रकृति, पशु और पर्यावरण के प्रति आभार जताने का पर्व है । इस पर्व को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है ।
बताया गया है कि भगवान श्रीकृष्ण द्वारा इंद्र के क्रोध एवं अहंकार को तोड़कर ब्रजवासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाने की घटना का स्मरण कराता है। सनातन धर्मशास्त्र के अनुसार प्राकृतिक विपत्तियों से बचाव ,अपने समाज एवं परिवार के कल्याण के लिए गोवर्धन पूजा करने का विधान बताया गया है।