
सुल्तानपुर। कानून और नियमों को ताक पर रखकर सत्ता की हनक में बीजेपी कार्यालय का निर्माण कर दिया गया, वो भी बिना नक्शा स्वीकृत कराए! अवैध निर्माण की नोटिस भी जारी हुई, लेकिन सिस्टम ने अजीब चुप्पी साध ली। न सुनवाई, न पेशी सब कुछ सत्ता के दबाव में दब गया।
अब सूत्रों से जो जानकारी सामने आई है, वह और भी चौकाने वाली है ‘फीलगुड’ और सत्ता के दबाव में नियम विरुद्ध तरीके से नक्शा पास करा दिया गया! सवाल उठता है कि जब अवैध निर्माण पहले ही उजागर हो चुका था, तो अब कौन-सी मजबूरी में नक्शा वैध कर दिया गया?
जानकारी के मुताबिक संबंधित ज़मीन भारत दीक्षित के नाम पर थी (मानचित्र सं. 635/15) जो स्वीकृत नहीं था। इस पर वाद सं. 36/16 और अवैध निर्माण की धारा-10 के तहत नोटिस जारी हुआ था। नियम के मुताबिक भू-उपयोग परिवर्तन के बाद ही कोई निर्माण कार्य किया जा सकता था, लेकिन सत्ता की ढाल में यह सारा खेल बिना प्रक्रिया पूरा कर लिया गया। अब सवाल यह है कि क्या अवैध निर्माण पर चलने वाला बुलडोजर अब सत्ता के दबाव में रुक जाएगा या फिर यह मामला भी सत्ता की ताक़त के आगे कानून की हार बनकर रह जाएगा?