•पारिवारिक विवाद, मामूली कहासुनी बनी फसाद की जड़
•आरोपितों पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर शुरू की कार्रवाई
बस्ती। जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में बीते 24 घंटों के दौरान मारपीट और हिंसक झड़प की छह अलग-अलग घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें कम से कम नौ लोगों के घायल होने की सूचना है। पुलिस ने सभी मामलों में पीड़ितों की तहरीर के आधार पर कार्रवाई करते हुए कुल 22 लोगों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है।
पुलिस के अनुसार, मारपीट की ये घटनाएं मुख्य रूप से पुरानी रंजिश, घरेलू व पारिवारिक विवाद और मामूली कहासुनी को लेकर हुई हैं। रुधौली के मुगरहा में बैनामे की जमीन पर कब्जे को लेकर सुभावती देवी, सर्वजीत व सजीत को गांव के ही रामवेलास पुत्र दयाराम, रामभवन पुत्र संतराम, प्रेम कुमार पुत्र विद्याराम, सतीश कुमार पुत्र चन्द्रिका, जितेन्द्र कुमार पुत्र मेवालाल समेत छह लोगों ने एक राय होकर हमला कर दिया।
नगर बाजार के राजकोट में रामचन्द्र सोनकर निवासी खटीक माली टोला को संजय सोनकर पुत्र मोटे सोनकर, रमेश सोनकर पुत्र जमुना, मोटे पुत्र शंभू, अनमोल पुत्र रमेश सोनकर, विकास पुत्र राजू सोनकर समेत छह लोगों ने मारपीट कर घायल कर दिया।
।लालगंज के बानपुर में संतराम को गांव के ही पिंटू ,रिंकू, दिनेश, व अंजली ने मिल कर मारापीटा है। लालगंज के ही महादेवा बाजार में लालबहादुर निवासी धौरुखोर के बेटे की शिवा पुत्र धर्मेन्द्र निवासी विजलपुर थाना रुधौली ने पिटाई कर दी।
इसी कड़ी में वाल्टरगंज के रघुनाथपुर में लवकुश पुत्र शिवदास को उनके गांव के ही माखन पुत्र तुलसी व सूरज पुत्र लाले ने एक राय होकर मारपीट कर घायल कर दिया। पुलिस ने सभी छह मामलों में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और घायलों का मेडिकल करा कर आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए कानूनी प्रक्रिया में जुट गई है।
आपराधिक धाराओं का किया अल्पीकरण
पैकोलिया पुलिस अपने कारनामों की वजह पुलिस महकमें की हमेशा भद्द पिटाने में लगी रहती है। पिटस्ल् से फायरिंग की घटना को एक बार पचा गई। आपराधिक घटना में अल्पीकरण करते हुए पीड़ित सूर्यांश सिंह निवासी मनिकरपुर (मधवापुर) थाना हर्रैया की तहरीर को ही बदल दिया। मारपीट, धमकी व उकसाने की धारा में सुरेश चौधरी निवासी बनकटवा, मुन्ना चौधरी, सोनू चौधरी व मनोज चौधरी निवासी अजिगरा के खिलाफ केस दर्ज किया है। पीड़ित ने पुलिस पर अपराध का अल्पीकरण व आरोपितों के साथ पक्षपात करने का आरोप लगाया है।
