-श्रीमद्भागवत कथा में कृष्ण जन्मोत्सव पर बधाई गीतों पर झूमे भक्त।
गोसाईगंज-अयोध्या। जब जब होय धर्म की हानि,बाढे असुर महा अधिमानी,तब तब प्रभु धर मनुज शरीरा,तुरत हरहि सज्जन मन पीरा।जब जब धरती पर धर्म की हानि होती है,साधु संतों को सताया जाता है,असुरों का अत्याचार बढ़ता है तो प्रभु अपने भक्तों का कष्ट दूर करने के लिए मानव शरीर धारण कर अवतार लेते है और भक्तों का कष्ट दूर करते है।
उक्त बातें गोसाईगंज कस्बे से सटे अंकारीपुर गांव में चल रही पंचम दिवस की श्रीमद्भागवत कथा के दौरान कथाव्यास प. तुलसीराम शास्त्री महाराज ने कही। कथाव्यास ने कहाकि त्रेता में रावण का अंत करने के लिए राम के रूप में अवतार लिया तो द्वापर में कंस का अंत करने के लिए कृष्ण रूप में आये।
कहा कि सच्चे मन से जब भी भगवान को कोई पुकारता है तो भगवान किसी ना किसी रूप में आकर उसका कष्ट दूर करते है। कथाव्यास ने कथा के दौरान बामन अवतार,रामावतार सहित कृष्णावतार की बहुत सुंदर कथा सुनाई। कृष्ण जन्मोत्सव पर नन्द के आनन्द भयो जय कन्हैयालाल की व बधाई गीतों पर भक्तों ने झूमकर नृत्य किया।
कथा के मुख्य यजमान सुशीला देबी पत्नी स्व0उमाशंकर दुबे है। उक्त अवसर पर इन्द्रप्रताप दुबे गुड्डू, कन्हैया लाल त्रिपाठी, अमरबहादुर सिंह, मुकेश मिश्र,कमलेश यादव, रणविजय सिंह, दिनेश पांडे, प्रभात सिंह, निर्भय सिंह सहित तमाम भक्तजन मौजूद रहे।
