लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेशभर में निराश्रित एवं छुट्टा गोवंश के संरक्षण और भरण-पोषण के लिए बड़ी वित्तीय सहायता जारी की है। पशुधन विभाग की ओर से जारी शासनादेश के अनुसार, वर्तमान वित्तीय वर्ष में 2 अरब 50 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है।
यह धनराशि तृतीय किश्त के रूप में अस्थायी गोवंश आश्रय स्थलों की स्थापना, संचालन और संरक्षित गोवंश के भरण-पोषण पर व्यय की जाएगी।सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, स्वीकृत धनराशि का उपयोग प्रति गोवंश अधिकतम 50 रुपये प्रतिदिन की दर से किया जाएगा।
इस राशि से गोवंशों के लिए आहार, पेयजल, चिकित्सा सुविधा और आश्रय स्थल की देखरेख सुनिश्चित की जाएगी। शासन ने पशुपालन विभाग के निदेशक (प्रशासन एवं विकास) को निर्देशित किया है कि सभी जनपदों में अस्थायी गोवंश आश्रयों का संचालन सुचारू रूप से हो और किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरती जाए।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा निराश्रित व बेसहारा गोवंश के निराकरण के लिए प्रदेश के सभी ग्रामीण एवं शहरी स्थानीय निकायों – ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका और नगर निगम में अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल की स्थापना एवं संचालन की नीति पहले से लागू है। इसी नीति के अंतर्गत संरक्षित गोवंश की देखभाल का कार्य निरंतर किया जा रहा है, जिससे सड़कों पर आवारा पशुओं की समस्या में कमी लाई जा सके और पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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