लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मत्स्य विकास मंत्री डॉ. संजय निषाद की अध्यक्षता में न्यू लक्ष्मण पार्क, गोमती रिवर फ्रंट पर राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड, हैदराबाद द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत “रिवर रैंचिंग/जन जागरूकता कार्यक्रम” आयोजित किया गया।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश मत्स्य विकास निगम लिमिटेड, गोमती हैचरी, लखनऊ से 02 लाख भारतीय मेजर कार्प—रोहू, कतला और नैना—के 80 से 100 एमएम आकार के मत्स्य बीज गोमती नदी में प्रवाहित किए गए। साथ ही मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत एयरेशन सिस्टम तथा मछुआ दुर्घटना बीमा योजना के कुल छह लाभार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. संजय निषाद ने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का मुख्य उद्देश्य नदियों में मत्स्य संसाधनों को पुनर्जीवित करना, पारंपरिक मत्स्य पालन को प्रोत्साहित करना, मछुआ समुदाय की आजीविका को सुदृढ़ बनाना और जलीय जैव विविधता को बढ़ाना है।
उन्होंने कहा कि नदी आधारित पारिस्थितिकी तंत्र को सुरक्षित रखने के लिए रिवर रैंचिंग जैसी गतिविधियां अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और इससे नदियों में मछली प्रजातियों की संख्या और विविधता दोनों बढ़ती हैं।
मत्स्य विकास मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि ऐसे कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जाएं, जिससे नदी संरक्षण के प्रयास गति पकड़ें और मत्स्य उत्पादन में वृद्धि हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार मत्स्य उत्पादन में उत्तर प्रदेश को अग्रणी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए विभागीय योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए, ताकि पात्र लोगों को योजनाओं का लाभ सीधे मिल सके।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव मत्स्य विभाग मुकेश मेश्राम ने कहा कि प्रदेश भर में रिवर रैंचिंग कार्यक्रम को निरंतर संचालित किया जाना चाहिए। इससे जलीय जैव विविधता में वृद्धि होगी और नदियों के पारिस्थितिकीय तंत्र को बनाए रखने में महत्वपूर्ण सहायता मिलेगी।
इस अवसर पर निदेशक मत्स्य एन.एस. रहमानी, उप निदेशक पुनीत कुमार, एजाज नकवी, उग्रसेन सिंह, उप निदेशक सृष्टि यादव, मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रदीप कुमार शुक्ला सहित विभाग के मण्डलीय एवं जनपदीय अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
