•मिट्टी पानी नभ धूप हवा सब रोगों की एक दवा – डॉ नवीन सिंह
बस्ती। आठवें राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के उपलक्ष्य में दिव्यम योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें चिकित्सकों, योगाचार्यों, प्रशिक्षकों तथा स्थानीय विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य प्राकृतिक चिकित्सा, योग एवं घरेलू औषधियों के महत्व को जन-जन तक पहुँचाना रहा।


कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राजमाता आशिमा सिंह रहीं। उन्होंने अपने संबोधन में घरेलू औषधियों के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “आज लोग अपने घर-आँगन में उपजने वाली प्राकृतिक औषधियों को भूलते जा रहे हैं, जबकि यही हमारे स्वास्थ्य की पहली और सबसे सुरक्षित सहायक होती हैं।” उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे अपने जीवन में घरेलू नुस्खों और प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का उपयोग बढ़ाएँ और दूसरों को भी जागरूक करें।
विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ भाजपा नेता जगदीश शुक्ला ने योग और प्राकृतिक चिकित्सा के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि एक जीवन पद्धति है जो मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक संतुलन स्थापित करता है। उन्होंने आधुनिक जीवनशैली से उत्पन्न तनाव और बीमारियों से बचने के लिए योग को आवश्यक बताया।
डॉ. वी. के. श्रीवास्तव ने अपने वक्तव्य में विभिन्न औषधीय पौधों के गुण, उपयोग और लाभों को सरल भाषा में समझाया। उनके अनुसार प्रकृति में उपलब्ध हर वनस्पति किसी न किसी रूप में मानव स्वास्थ्य को लाभ पहुँचाती है तथा इनके सुरक्षित उपयोग से कई रोगों का उपचार संभव है।
विश्व संवाद परिषद योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय महासचिव डॉ नवीन सिंह ने आहार को प्राकृतिक चिकित्सा से जोड़ते हुए कहा कि मिट्टी, पानी, नभ, धूप,हवा सब रोगों की एक दवा और इसके साथ संतुलित, सात्त्विक और प्राकृतिक आहार अपनाना स्वास्थ्य संरक्षण का सबसे सरल उपाय है। उन्होंने भोजन की शुद्धता, मौसमी फल-सब्जियों के उपयोग और जल चिकित्सा के महत्व पर भी जोर दिया।
वरिष्ठ पत्रकार पुनीत ओझा ने अपनी दिनचर्या को नियमित रखने के महत्व पर प्रकाश डाला। उनके अनुसार नियमित दिनचर्या, पर्याप्त नींद और संयमित भोजन से अनेक बीमारियों से बचा जा सकता है।
कार्यशाला में प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र की संचालिका योगाचार्या सन्नो दुबे, योग प्रशिक्षक श्रवण कुमार, राम मोहन पाल, वेदांत सिंह, प्रिया चौधरी, आराध्या मिश्रा, शिक्षक अर्जुन उपाध्याय सहित राजन महाविद्यालय के छात्र-छात्राएँ, अध्यापक तथा क्षेत्र के अनेक योग शिक्षक एवं प्रशिक्षक उपस्थित रहे।
कार्यशाला में प्रतिभागियों ने प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के विभिन्न आयामों को समझा और जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।
