
केके मिश्रा संवाददाता।
संत कबीर नगर। जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) व महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा / MNREGA) में पारदर्शिता, सहभागिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सोशल ऑडिट ग्रामसभा की बैठक का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में जनपद के सेमरियावा विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत चोरहा में बुधवार को गांव में ग्राम प्रधान द्वारा कराए गये विकास कार्यों का दो दिवसीय स्थलीय व भौतिक सत्यापन करने के सोशल ऑडिट टीम द्वारा प्राथमिक विद्यालय चोरहा के परिसर में ग्रामीणों की उपस्थिति में खुली बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान ब्लाक रिसोर्स पर्सन (बीआरपी) बालमुकुंद उपाध्याय की मौजूदगी में आवास या मनरेगा संबंधित एक एक कार्यों व योजनाओं का बिंदुवार समीक्षा की गई।
समीक्षा के दौरान ग्राम पंचायत में प्रधान द्वारा 12 परियोजनाओं पर कार्य कराए गए थे लेकिन किसी भी परियोजना पर कार्य की लागत मूल्य और मजदूरों की संख्या से संबंधित सिटिजन इन्फार्मेशन बोर्ड (सीआईबी बोर्ड) नहीं लगाए गए जो विशेष तौर पर अनियमित पाई गई। वहीं मनरेगा मजदूरों को 100 दिन का रोजगार मुहैया कराने में भी अक्षम पाये गये। जहां एक तरफ पंचायती राज्य व्यवस्था में गांव की मजदूरों को शहर की तरफ पलायन न हो, उसके लिए यह व्यवस्था बनाई गई कि गांव में ही असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को रोजगार मिल सके। उन्हें ग्राम पंचायत में कम से कम 1 वर्ष में 100 दिन का काम दिया जाए। किन्तु उक्त ग्राम पंचायत के ग्राम पंचायत प्रतिनिधि द्वारा सरकार के सारे नियम कानून का अनदेखी की गई।
पंचायती राज व्यवस्था के कानून की धज्जियां उड़ाते हुए कार्य कराए गए बैठक में ग्राम पंचायत अधिकारी, तकनीकी सहायक तथा जिला स्तर से नामित कोई पर्यवेक्षक नहीं दिखाई दिया। किसी तरह से सोशल आडिट टीम के द्वारा एमआईएस रिपोर्ट के माध्यम से चंद लोगों के बीच में बैठकर ऑडिट कराया गया।
ऐसे में पंचायती राज व्यवस्था तथा उसके नियमावली के तहत मनरेगा मजदूरों को मजदूरी ने देकर ग्राम पंचायत द्वारा खुला उल्लंघन किया गया।
आडिट के दौरान सबसे बड़ी कमी तो यह पाई गई कि उक्त ग्राम पंचायत द्वारा 12 परियोजनाओं पर कार्य कराया बताया जाता है, लेकिन किसी भी परियोजना पर सीआईबी बोर्ड नहीं पाया गया। जो घोर अनियमित का द्योतक है। ऐसे में उक्त ग्राम पंचायत के प्रधान या अन्य संलिप्त लोगों के ऊपर मनरेगा सेल संत कबीर नगर द्वारा देखना है कि क्या कोई कार्रवाई की जायेगी या अर्थ दंड लगाया जाता है।