
•छात्रों को उकसाने और भड़काने का कर सकते हैं काम।
•मुख्यमंत्री योगी के खिलाफ नारेबाजी का जताया विरोध, कहा कि यह आंदोलन आयोग की नीतियों के खिलाफ है ना कि राजनीतिक।
पवन कुमार रस्तोगी।
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग पर चल रहे छात्रों के आंदाेलन में आपराधिक तत्वों के भी सक्रिय होने की जानकारी होने पर पुलिस सतर्क हो गई है। सूत्रों के मुताबिक प्रदर्शन में कुछ ऐसे लोग भी प्रतियोगी बनकर घूम रहे हैं जिनका आपराधिक इतिहास है और वह जेल तक जा चुके हैं। यह जानकारी मिलने के बाद पुलिस अफसरों के कान खड़े हो गए हैं और निगरानी बढ़ा दी गई है।
छात्रों के आंदोलन को लेकर खुफिया एजेंसियों को भी सक्रिय किया गया है। उन्हें प्रदर्शन पर सतर्क नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि छात्र किसी के बहकावे में आकर कोई गलत कदम न उठाएं। सूत्रों का कहना है कि इसी क्रम में मिले खुफिया इनपुट ने पुलिस अफसरों के कान खड़े कर दिए हैं।
खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि आंदोलनकारियों की आड़ में कुछ आपराधिक तत्व भी प्रदर्शन स्थल पर सक्रिय हैं। इनमें से कुछ ऐसे हैं जिन पर गंभीर धाराओं के मुकदमे हैं और वह पूर्व में जेल भी जा चुके हैं। कुछ पर ताे समाज विरोधी क्रियाकलापों में लिप्त होने के आरोप में भी कार्रवाई हो चुकी है। आशंका यह भी है कि उक्त तत्व छात्रों को उकसाने व भड़काने का काम कर सकते हैं। ऐसे में उनकी गतिविधियों पर सतर्क निगाह बनाए रखने की जरूरत है। इस जानकारी के बाद पुलिस अफसरों की ओर से प्रदर्शन स्थल पर मॉनिटरिंग का स्तर बढ़ा दिया गया है। आसपास लगे सीसीटीवी व सर्विलांस कैमरों से चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है।
इस मामले में अफसर कुछ खुलकर बोलने को तैयार नहीं हैं। डीसीपी नगर अभिषेक भारती ने बताया कि आंदोलन की आड़ में कोई भी आपराधिक तत्व प्रदर्शन स्थल पर मिलता है, छात्रों को उकसाने या भड़काने का प्रयास करते पाया जाता है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सीएम के खिलाफ नारेबाजी का जताया विरोध
प्रदर्शन के दौरान कुछ छात्रों द्वारा मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी का आंदोलनकारी छात्रों ने विरोध किया है। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन आयोग की नीतियों के खिलाफ है ना कि राजनीतिक।
ज्ञात हो कि कुछ छात्रों ने सीएम योगी के खिलाफ नारेबाजी की थी। जिसका प्रदर्शनकारी छात्रों ने विरोध जताया। उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई सिर्फ दो दिवसीय परीक्षा और नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ है, इसे राजनीति से ना जोड़ा जाए। आंदोलनकारियों का कहना है कि कुछ राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता प्रदर्शन में शामिल होकर आंदोलन को उग्र बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
छात्रों का मानना है कि यह संघर्ष किसी नेता या समूह का नहीं, बल्कि एक साझा प्रयास है, जिसमें हर प्रतियोगी की आवाज गूंजती है। उनकी एकजुटता का संदेश देती है। इस आंदोलन का कोई एकल नेतृत्व नहीं, बल्कि सभी छात्र इसके वाहक हैं और यही इसकी सच्ची शक्ति है। इस नारे के माध्यम से छात्रों ने यह संदेश दिया है कि वे किसी भी विभाजन या दवाब में नहीं आएंगे, बल्कि एकजुट रहकर अपनी लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाएंगे।