
बस्ती/लखनऊ। प्रदेश के आर्थिक विकास एवं रोजगार सृजन में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों का महत्वपूर्ण स्थान है। एम०एस०एम०ई० इकाईयों द्वारा कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार सृजन किया जाता है। वर्तमान में प्रदेश में ऐसी लगभग 95 लाख इकाईयॉ है, जिन्हें और अधिक बढ़ाया जाना प्रदेश के हित में है। यह योजना निजी विकासकर्ता के लिए आकर्षक और मजबूत ढाँचा प्रदान करती है एवं प्रदेश के उद्योगों हेतु भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित होती है।
उक्त जानकारी देते हुए उपायुक्त उद्योग हरेन्द्र प्रताप ने बताया कि इसके निमित्त निजी प्रवर्तकों के द्वारा Build, Own, Operate (BOO) के आधार पर प्लेज पार्काें का संचालन किया जायेगा।
उन्होने बताया कि योजनान्तर्गत इच्छुक प्रवर्तकों द्वारा 10 एकड़ से 50 एकड़ तक की भूमि पर औद्योगिक पार्क विकसित करने का प्रस्ताव, भूमि के स्वामित्व का कागजात एवं आगणन सहित जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केन्द्र को उपलब्ध कराया जायेगा। चयनित भूमि का भू-उपयोग औद्योगिक इकाईयों की स्थापना हेतु होना चाहिए। औद्योगिक पार्कों में न्यूनतम प्रति एकड़ 01 इकाई को भूखण्ड आवण्टित किया जाना अनिवार्य होगा। निजी प्रवर्तकों द्वारा औद्योगिक पार्क हेतु प्रस्तावित की जा रही भूमि को राज्य सरकार के पक्ष में बंधक रखा जाएगा।
उन्होने बताया कि निजी प्रवर्तकों द्वारा ही निजी औद्योगिक पार्काे के भूखण्डों के आवंटन, संचालन तथा मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं के रख-रखाव का सम्पूर्ण कार्य किया जायेगा। प्रस्तावित निजी औद्योगिक पार्काे तक पहुँच मार्ग का सुदृढीकरण राज्य सरकार के द्वारा विद्यमान नीति के अन्तर्गत कराया जाएगा। योजनान्तर्गत 10 एकड़ से 50 एकड़ तक एम०एस०एम०ई० पार्क विकसित करने वाले प्रवर्तकों को जिला कलेक्टर रेट पर भूमि के क्रय मूल्य का 90 प्रतिशत अथवा औद्योगिक पार्क विकसित करने हेतु आवश्यक धनराशि में से जो भी कम हो, एक प्रतिशत व्याज पर उपलब्ध करायी जायेगी। शेष पूँजी की व्यवस्था निजी प्रवर्तक को स्वयं के स्रोतों से अथवा बैंक से ऋण लेकर करनी होगी।
उन्होने बताया कि ऋण की धनराशि पर प्रथम 03 वर्ष हेतु ब्याज दर एक प्रतिशत तत्पश्चात अगले 03 वर्ष तक 6 प्रतिशत, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम इकाई हेतु प्रोत्साहन, प्लेज पार्क में भूखण्ड खरीदने वाले उद्यमी को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम प्रोत्साहन नीति के अन्तर्गत अनुमन्य समस्त प्रोत्साहन एवं स्टाम्प में 100 प्रतिशत छूट, प्रवर्तक द्वारा संबंधित जिलाधिकारी से प्रदत्त चरित्र प्रमाण-पत्र सहित परियोजना का विस्तृत आगणन एवं भूमि के स्वामित्व के कागजात संबंधित जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र में उपलब्ध कराया जायेगा, जिसका जनपद स्तरीय समिति से परीक्षण के उपरान्त उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा अंतिम अनुमोदन प्रदान किया जायेगा एवं प्रवर्तक के पक्ष में लेटर ऑफ कम्फर्ट जारी किया जायेगा।