
•भूख से तड़पकर गोवंशों की मौत, दो कंपनियों पर मुकदमा दर्ज।
मेरठ। मेरठ नगर निगम के पशु चिकित्साधिकारी डा. हरपाल सिंह को मंगलवार को हिरासत में ले लिया गया। देर रात सिविल लाइन थाने में सहायक नगर आयुक्त शरद पाल की तहरीर पर दो लोगों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम समेत कई धाराओं में मुकदमा हुआ।
परतापुर स्थित कान्हा उपवन गोशाला में भूख से मरे गोवंशों के मामले में प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी नाराजगी जताई है। इसके बाद नगर आयुक्त के निर्देश पर सोमवार को सहायक नगर आयुक्त ने मैसर्स जैन कंप्यूटर सदर मेरठ और शिवम इंटरप्राइजेज कुशीनगर के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया दिया गया। नगर आयुक्त ने दोनों कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया।
इन दोनों कंपनियों द्वारा ही कर्मचारियों को गोशाला में तैनात किया गया था। ये कर्मचारी बिना सूचना के गैरहाजिर रहे और कई दिनों तक गोवंशों को चारा-पानी नहीं मिला। प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. हरपाल सिंह विभागीय जांच के साथ-साथ आय से अधिक संपत्ति की भी जांच हो सकती है। गोशाला में 2547 गोवंश हैं। गोवंशों की दुर्दशा की एक के बाद एक परतें खुल रही हैं।
प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. हरपाल और दस कर्मचारी हटाकर नगर निगम अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं पाएगा। यह मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा गया है। उन्होंने जिम्मेदार सभी अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दे दिए हैं। इसके बाद से जिला प्रशासन और नगर निगम में खलबली मची है। प्रमुख सचिव नगर विकास और कमिश्नर हृषिकेश भास्कर यशोद ने अफसरों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए नगर आयुक्त को पत्र लिख दिया है। बताया गया है कि गोशाला की मॉनिटरिंग और पत्राचार करने वाले बाबू विकास को भी निलंबित किया गया है। हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
ये बोले नगर आयुक्त
गोशाला में 15 दिन में बदलाव नजर आएगा। अस्थायी गोशाला के साथ कान्हा उपवन को भी बेहतर बनाएंगे। चारा, खल-चूरी, चोकर और उनके रखरखाव के लिए काम कराया जा रहा है। गंभीर बीमार से ग्रस्त गोवंशों को इलाज के लिए तुरंत पशु चिकित्सालय भेजना सुनिश्चित किया गया है। इसके लिए गाड़ी उपलब्ध करा दी गई है। सीसीटीवी लगाए हैं और अधिकारियों को मॉनिटरिंग के लिए लगाया गया है। लापरवाही बर्दाश्त नहीं करूंगा।
– सौरभ गंगवार, नगर आयुक्त