
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के पीजीआई थाना क्षेत्र में हुई एक महिला की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने मात्र तीन दिनों में सुलझा लिया। यह घटना तब सामने आई जब मृतका के अपने ही पुत्र ने ऑनलाइन गेमिंग और जुए की लत के चलते अपनी मां की बेरहमी से हत्या कर दी।
पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ की सर्विलांस सेल दक्षिणी जोन, क्राइम टीम और थाना पीजीआई पुलिस की संयुक्त टीम ने हत्यारे बेटे निखिल यादव उर्फ गोलू (20 वर्ष), निवासी बाबूखेड़ा, कल्ली पश्चिम थाना पीजीआई, को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके कब्जे से मृतका के जेवरात एक चैन, एक मंगलसूत्र, एक जोड़ा टप्स, एक जोड़ा कान की बाली, एक अतिरिक्त बाली और हत्या में प्रयुक्त पेचकस बरामद किया है।
मामला 3 अक्टूबर 2025 का है, जब वादी रमेश यादव ने पुलिस को सूचना दी कि उसकी पत्नी रेनू यादव की घर में हत्या कर दी गई है। उसने बताया कि उसके बेटे निखिल ने फोन कर कहा कि “पापा घर आओ, मम्मी को मार दिया है।” सूचना मिलने पर जब रमेश यादव घर पहुंचा तो घर का सारा सामान बिखरा पड़ा था और उसकी पत्नी को अस्पताल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए उच्चाधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच टीमें गठित कीं। सीसीटीवी फुटेज, मैनुअल और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर जांच में पता चला कि हत्या मृतका के बेटे निखिल यादव ने की थी। उसे पुलिस ने ग्राम औरम्हा, अलीपुर बहेरा, थाना सुल्तानपुर घोष, जनपद फतेहपुर से गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में निखिल ने जो स्वीकारोक्ति दी, उसने सबको झकझोर दिया। उसने बताया कि वह “tirangagamee.games” वेबसाइट पर Aviator नामक ऑनलाइन गेम खेलता था, जिसमें उसने लगातार हार कर भारी रकम गंवा दी थी। इस नुकसान की भरपाई के लिए उसने “MPOKKET” से ₹25,000, “FLASH WALLET” से ₹2,600 और “RAM Fincorp” से ₹2,000 का त्वरित ऑनलाइन लोन लिया। लेकिन ऊंचे ब्याज, छिपे शुल्क और वसूली के दबाव ने उसे बुरी तरह परेशान कर दिया।
निखिल ने बताया कि पहले भी उसने अपनी मां के कुछ जेवर बेचकर पुराने कर्ज चुकाए थे, पर किस्तें भरने में असमर्थ रहने पर उसने दोबारा चोरी की योजना बनाई। घटना वाले दिन वह घर में रखे जेवर चुरा रहा था, तभी उसकी मां ने उसे देख लिया। पकड़े जाने के डर से उसने गुस्से में आकर घर में रखे पेचकस से कई वार किए और फिर गैस सिलेंडर उठाकर दो-तीन बार उस पर प्रहार किया, जिससे उसकी मां की मौत हो गई।
हत्या के बाद आरोपी ने अपने पिता, मामा और एक दोस्त को फोन कर खुद को बचाने के लिए झूठी कहानी गढ़ी कि “घर में कुछ लोग मम्मी को मार रहे हैं और मैं भी खतरे में हूं।” फिर वह बैग में गहने और पेचकस रखकर मोटरसाइकिल से फरार हो गया। पुलिस ने उसकी तलाश में तकनीकी निगरानी और सर्विलांस की मदद ली और अंततः उसे फतेहपुर जिले से दबोच लिया।
थाना पीजीआई में दर्ज मुकदमा संख्या 501/2025 में प्रारंभिक रूप से धारा 103(1) बीएनएस लगाई गई थी, जिसे अब बढ़ाकर धारा 238/315 बीएनएस के तहत आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है। पुलिस उपायुक्त दक्षिणी ने इस सफल अनावरण पर पुलिस टीम को ₹25,000 के पुरस्कार से सम्मानित किया है।यह मामला एक बार फिर यह चेतावनी देता है कि ऑनलाइन गेमिंग और जुए की लत न केवल युवाओं का भविष्य बर्बाद कर रही है, बल्कि परिवारों को भी तबाह कर रही है।