
रिपोर्ट: सौरभ पाठक।
अलीगढ़: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा घोषित सिविल सेवा परीक्षा 2024 के परिणाम ने इगलास क्षेत्र को गौरवान्वित किया है। इगलास क्षेत्र के गांव सीताराम नगला के मूल निवासी चौधरी भूरी सिंह के पुत्र अभिषेक चौधरी ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता का परचम लहराया है। अभिषेक चौधरी ने इस परीक्षा में 64वीं रैंक हासिल करके गांव के साथ-साथ पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है।

अभिषेक चौधरी की इस शानदार उपलब्धि से पूरे गाँव में खुशी की लहर दौड़ गई है। आज भारी संख्या में क्षेत्र के लोगों ने गाँव सीताराम नगला के चौधरी देवनाथ फार्म हाउस में एकत्रित होकर अभिषेक चौधरी का भव्य स्वागत सम्मान समारोह किया। इस दौरान सभी ने अभिषेक चौधरी को उनकी इस सफलता पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। क्षेत्र के लोगों ने अभिषेक चौधरी और उनके परिवार के सभी सदस्यों को माला पहनाकर एवं मिठाई खिलाकर गर्मजोशी से स्वागत किया।
इस अवसर पर उपस्थित डीएलएड/बीटीसी संघ के जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र चौधरी ने कहा कि अभिषेक चौधरी ने अपनी कड़ी मेहनत, अटूट समर्पण और दृढ़ आत्मविश्वास के बल पर यूपीएससी जैसी अत्यंत कठिन परीक्षा में यह मुकाम हासिल किया है। अभिषेक चौधरी की सफलता की यह कहानी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के बच्चों के लिए एक प्रेरणास्रोत है। यह पूरे समाज के लिए बहुत खुशी का पल है और अन्य युवाओं को भी लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रेरित करेगा।
स्वागत समारोह में प्रमुख रूप से चौ. कारे सिंह, चौ. लोहरे सिंह, श्याम सुंदर, दुर्गा प्रसाद, चौ. जयवीर सिंह, पप्पू चौधरी, अनिल चौधरी, राजवीर सिंह, संजय चौधरी, राहुल चौधरी, मुलायम सिंह, यश प्रताप सिंह, चौ. शेर सिंह, छोटू चौधरी, दीवान सिंह एवं भारी संख्या में क्षेत्र के गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम के आयोजक अनिल चौधरी ने अभिषेक चौधरी की इस असाधारण उपलब्धि की सराहना की और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
अभिषेक चौधरी को यह सफलता अपने पांचवे अटेम्प्ट में मिली है। अभिषेक चौधरी ने केंद्रीय विद्यालय से अपनी पढाई की थी। पिता चौधरी भूरी सिंह इंडियन एयरफोर्स से सार्जेंट के पद से रिटायर हैं। मां कुसुम चौधरी होम मेकर हैं। छोटा भाई अखंड प्रताप सिंह इंडियन एयरफोर्स में फ्लाइंट लेफ्टीनेंट के पद पर हैं।
अभिषेक ने बताया कि 10 से 12वीं तक की पढ़ाई गुजरात से की थी। गुजरात के ही आनंद में बीवीएम से सिविल इंजीनियरिंग की। इसके बाद चार साल तक (2016 से 2020) कॉरपोरेट में नौकरी भी की। फिर 2018-19 में लगा कि इस नौकरी में डायवर्सिटी नहीं है। तब तय किया कि सिविल सर्विसेज की तैयारी करनी है। उसके बाद घर पर ही तैयारी शुरू की। ऑनलाइन क्लासेज लीं। इन पांच सालों में चार अटेंप्ट दिए। जिसमें से तीन मेंस, दो इंटरव्यू रहे। 2023 में भी इंटरव्यू दिया था, लेकिन सेलेक्शन नहीं हुआ था। ऑप्शनल सब्जेक्स में एंथ्रोपोलॉजी लिया था। अभिषेक की दो बहनें भी हैं। एक बहन टीचर है और दूसरी बहन अपना बिजनेस करती है।