
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को लखनऊ के कैसरबाग क्षेत्र स्थित ऐतिहासिक काकोरी कोठी का दौरा किया। ख्यालीगंज में स्थित इस भव्य कोठी में सपा नेता श्री सैफ अल्वी द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर सपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी भी साथ मौजूद रहे।
अखिलेश यादव ने कोठी की स्थापत्य कला और भव्यता की सराहना करते हुए इसके ऐतिहासिक महत्व को जाना। उन्होंने कहा कि लखनऊ की यह धरोहर हमारी सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, और इसका संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। कोठी के प्रसिद्ध गोल कमरे की विशेष चर्चा करते हुए उन्होंने इसके ऐतिहासिक उपयोग को भी जाना, जहां 18वीं सदी में फ्रांसीसी वास्तुकार मेजर क्लाउड मार्टिन नवाबों के मनोरंजन हेतु मुर्गों की लड़ाई आयोजित कराते थे।
काकोरी कोठी का ऐतिहासिक विवरण देते हुए बताया गया कि 1800 में मेजर मार्टिन की मृत्यु के बाद यह कोठी ट्रस्ट के अधीन रही। वर्ष 1876 में भोपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री और काकोरी के मूल निवासी जनाब इम्तियाज अली ने इसे मार्टिन ट्रस्ट से खरीदकर अपने गृहनगर के नाम पर काकोरी कोठी नाम दिया। वर्तमान में इस कोठी के मालिक सैफ अल्वी हैं, जिन्होंने सपा अध्यक्ष का आत्मीय स्वागत किया।
इस ऐतिहासिक परिसर के निकट ही समाजवादी पार्टी का जिला और महानगर कार्यालय भी स्थित है। कैसरबाग क्षेत्र में ही सफेद बारादरी, अमीरुद्दौला पब्लिक लाइब्रेरी, भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय जैसी प्रसिद्ध इमारतें हैं, जो लखनऊ की नवाबी वास्तुकला और सांस्कृतिक पहचान को दर्शाती हैं।
इस अवसर पर सपा महानगर अध्यक्ष फाखिर सिद्दीकी, वरिष्ठ नेता नवीन धवन बंटी, बक्कास खां, इरशाद सहित कई अन्य कार्यकर्ता और समाजसेवी भी उपस्थित रहे।अखिलेश यादव ने कहा कि लखनऊ की यह ऐतिहासिक धरोहरें न केवल हमारे अतीत की पहचान हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को अपने गौरवशाली इतिहास से जोड़ने का माध्यम भी हैं।