
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार की विफल नीतियों और प्रतिशोधात्मक टैरिफ की वजह से उत्तर प्रदेश का निर्यात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इसका खामियाजा न केवल निर्यातक बल्कि उन पर आधारित पैकिंग, ट्रांसपोर्ट, शिल्प व हस्तशिल्प उद्योग तथा कामगार और उनके परिवार भुगत रहे हैं।
अखिलेश यादव ने निर्यातकों को संबोधित एक पत्र में कहा कि प्रदेश के निर्यातक तबाही के कगार पर हैं। एक्सपोर्ट का पेमेंट साइकल बिगड़ चुका है और सप्लायर्स व वेंडर्स अलग से परेशान हैं। उन्होंने मांग की कि सरकार ओडीओपी के तहत आने वाले उत्पादों को विशेष राहत दे और अन्य निर्यातक उत्पादों को भी सुरक्षा कवच प्रदान करे, ताकि वे विदेशी पाबंदियों से अपने को बचा सकें।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने समय रहते कदम नहीं उठाए तो लाखों निर्यातकों का कारोबार ठप हो जाएगा और करोड़ों लोग बेरोजगार हो जाएंगे। इससे प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या और भी विकराल रूप धारण कर लेगी।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार कठिन समय में उद्योगों को सहायता और संरक्षण नहीं दे सकती तो उसके अस्तित्व का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।
अखिलेश यादव ने निर्यातकों से आह्वान किया कि यह समय हर भेदभाव को भुलाकर एकजुट होने और भाजपा सरकार के सामने अपनी मांगें मजबूती से रखने का है। उन्होंने कहा कि यह केवल कारोबार का नहीं बल्कि लाखों परिवारों की आजीविका और निवेश के भविष्य का सवाल है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में बनारसी साड़ी, कार्पेट, पीतल, ताला-हार्डवेयर, चमड़ा, इत्र, स्पोर्ट्स, फूड व प्रोसेस्ड प्रॉडक्ट्स, स्टोन-मार्बल, रेडीमेड गारमेंट्स, चिकनकारी, फर्नीचर, बांस, टेराकोटा, जूट, इंजीनियरिंग, मेटल क्राफ्ट सहित हस्तशिल्प व हैंडलूम उद्योगों के अरबों-खरबों रुपये के उत्पाद जहाजों में अटके पड़े हैं।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारतीय सामानों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने से अकेले उत्तर प्रदेश के 500 उद्योग बंद होने की कगार पर हैं और लाखों श्रमिकों की रोजी-रोटी पर संकट मंडरा रहा है। पूरे देश में उद्योगों और रोजगार पर इसका प्रभाव और भी भयावह होगा।अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की विफल विदेश नीति ने यह हालात पैदा किए हैं। सत्ता से भाजपा जाएगी तभी प्रदेश और देश में खुशहाली लौटेगी।