
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में पक्षपात सबसे बड़ा दुर्गुण है और भाजपा भेदभाव तथा नफरत की राजनीति करती है। भाजपा सरकार में पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यकों, महिलाओं और पीडीए समुदाय के साथ हर स्तर पर भेदभाव हो रहा है। भाजपा का रवैया न केवल भेदभावपूर्ण है बल्कि अलोकतांत्रिक और संविधान विरोधी भी है। जनता इन सब बातों को भलीभांति देख रही है और लोकसभा चुनाव में भाजपा के साम्प्रदायिक एवं नफरती एजेंडे को नकार चुकी है।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगली बार भाजपा के कई नेता अपने बूथ पर खड़े नहीं हो पाएंगे।अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने नौ साल के शासनकाल में किसानों, युवाओं और महिलाओं को भारी धोखा दिया है। विकास और रोजगार के नाम पर कोई ठोस काम नहीं हुआ। महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार लगातार बढ़े हैं। भाजपा ने जनता से झूठे वादे किए थे, जिनका आज कोई जवाब नहीं है।
कहा कि नौजवानों के पास नौकरी नहीं है, सरकारी विभागों का निजीकरण किया जा रहा है जिससे नौकरियां और आरक्षण खत्म हो रहे हैं। किसानों को खाद, पानी और कीटनाशक दवाइयां भी नहीं मिल रही हैं। प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं और अपराधियों को कानून का कोई डर नहीं है। इस सरकार में बच्चियां तक सुरक्षित नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए संवैधानिक पदों पर बैठे लोग अपनी भाषा और पद की मर्यादा भूलकर संविधान और लोकतंत्र विरोधी काम कर रहे हैं। जनता अब भाजपा को और बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। 2027 में प्रदेश की जनता भाजपा को सत्ता से हटाकर उसके नफरती एजेंडे को हमेशा के लिए समाप्त कर देगी।
अखिलेश यादव की यह चुनौती भाजपा के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है क्योंकि उनका कहना है कि जनता अब बदलाव के लिए तैयार है और वह भाजपा के खिलाफ निर्णायक कदम उठाएगी।